श्रीनगर, 3 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी भी अपने स्वजन के साथ नवरेह मनाने कश्मीर में आए थे। उन्होंने भी शिला स्वरूप में विराजमान मां शारिक की पूजा कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने पूजा में भाग लेने के बाद कहा कि कश्मीर में बंद पड़े सभी मंदिरों के किवाड़ खुलने चाहिए। कुछ लोगों ने यहां कश्मीरी पंडितों का नरसंहार कर उन्हें पूरी तरह समाप्त करने का प्रयास किया है, लेकिन आतंक का वह समय समाप्त हो गया है।
डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि जिस तरह आज यहां पूजा हो रही है, उसी तरह गुलाम कश्मीर में शंकराचार्य द्वारा स्थापित मंदिर भी भारत सरकार अपने नियंत्रण में लेगी।कश्मीरी पंडितों को अपने घर लौटना है, यह उनका हक है। उनके साथ दोबारा वैसा न हो, जो 1989-90 के दौरान हुआ, यह सुनिश्चित करना सरकार और स्थानीय मुस्लिम समुदाय का भी कर्तव्य है।
मुस्लिम भी पहुंचे कश्मीरी पंडितों को मुबारक कहने
हारि पर्वत पर नवरेह पूजा के बाद शेरे कश्मीर पार्क में नवरेह मिलन में भी खूब उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में कश्मीरी मुस्लिम, सिख और अन्य समुदाय के लोग इसका हिस्सा बने। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कश्मीरी पंडित भी नवरेह मिलन के बहाने अपने पुराने दोस्तों को तलाशते, उनके बारे में पूछते नजर आए।
इस अवसर पर स्थानीय मुस्लिमों ने कश्मीरी पंडितों को बेखौफ होकर कश्मीर में लौटने के लिए प्रेरित किया। वहां मौजूद अब्दुल सलाम ने कहा, ‘मैं यहां अपने कश्मीरी भाइयों को मुबारक कहने आया हूं। दुआ करता हूं कि यह सुबह बनी रही।’ वहीं मोहित रैना ने कहा, ‘आप खुद देखें कि हमारे कितने मुस्लिम भाई हमारी पूजा में हमारे साथ शामिल हो रहे हैं। यह हमें कश्मीर में हमारी वापसी की उम्मीद बंधा रहा है।’