पटना, 12 फरवरी। बिहार में खेल होने की चर्चा के बीच नीतीश सरकार की सोमवार को अग्नि परीक्षा होगी। पक्ष और विपक्ष के सभी दल तोड़-फोड़ की आशंका से डरे हुए हैं, जबकि नीतीश सरकार को विश्वास मत की बाधा पार कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। वह पटना के घटनाक्रम की लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं। सरकार के विश्वास मत हासिल करने और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने के मामले में सबकी निगाहें कांग्रेस और जदयू पर टिकी हैं। विपक्षी राजद के सभी विधायकों को पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के घर पर रखा गया है।
सत्ता पक्ष से जदयू-भाजपा विधायकों को साधे रखने की जुगत में हैं। जदयू की रविवार को बुलाई गई बैठक से बीमा भारती, सुदर्शन, दिलीप राय व रिंकू सिंह समेत 5 विधायक अनुपस्थित रहे। शनिवार की बैठक में भी उसके दस विधायक नहीं पहुंचे थे। इस बीच, जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने व्हिप जारी कर चाराें विधायकों को सरकार के समर्थन में वोट डालने को कहा है।
भाजपा की चिंता भी बढ़ी
भाजपा के सभी विधायकों को भी रविवार को गया से पटना ले आया गया है। ये सभी विधायक प्रशिक्षण शिविर के लिए गया में थे। हालांकि शिविर में तीन विधायक नदारद रहने से भाजपा की चिंता बढ़ी हुई है।
राजद-कांग्रेस के विधायक तेजस्वी के घर में नजरबंद
दलबदल के डर से राजद के सभी 79 विधायक शनिवार रात से ही तेजस्वी यादव के आवास पर नजरबंद हैं। रविवार रात हैदराबाद से लौटे कांग्रेस के 19 विधायकों को भी इन्हीं के साथ रखा गया है।