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एग्जिट पोल के उलट परिणाम से औंधे मुंह गिरा शेयर बाजार, निवेशकों की पूंजी 31 लाख करोड़ रुपये घटी

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मुंबई, 4 जून। सत्तारूढ़ NDA के अनुकूल प्रदर्शित एग्जिट पोल का बमुश्किल 24 घंटे पूर्व ही जश्न मनाने वाला घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को पूर्वाह्न आम चुनाव के रुझानों में सत्तारूढ़ भाजपा के बहुमत से दूर रहने का संकेत मिलते ही सोमवार के मुकाबले दुगुनी रफ्तार से औंधे मुंह जा गिरा। इस क्रम में दोनों प्रमुख शेयर सूचकांक – सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) लगभग छह प्रतिशत टूट गए और इस भारी गिरावट का यह नतीजा यह रहा कि निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए।

किसी एक दिन में पिछले चार वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट

वस्तुतः पीएसयू, सार्वजनिक बैंकों, बिजली, ऊर्जा, तेल और गैस तथा पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में भारी मुनाफावसूली के चलते किसी एक दिन में पिछले चार वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल गई। इससे पहले 23 मार्च, 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन लगाए जाने पर सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 13 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। उल्लेखनीय है सोमवार को तीन वर्षों (फरवरी, 2021) से भी ज्यादा समय बाद एक दिन की सबसे बड़ी तेजी देखने को मिली थी।

सेंसेक्स में 4,389.73 अंकों की गिरावट

एक दिन पहले तीन प्रतिशत से अधिक की तेज बढ़त के बाद मंगलवार को 30 शेयरों वाला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 प्रतिशत फिसलकर दो महीने के निचले स्तर 72,079.05 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान सेंसेक्स 6,234.35 अंक या 8.15 प्रतिशत गिरकर लगभग पांच महीने के निचले स्तर 70,234.43 अंक पर चला गया था। सेंसेक्स से संबद्ध 30 में 28 कम्पनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए जबकि सिर्फ दो में बढ़त दिखी।

1,379.40 अंकों की गिरावट से निफ्टी 22K से नीचे खिसका

दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 1,982.45 अंक या 8.52 प्रतिशत गिरकर 21,281.45 अंक पर जा गिरा था। हालांकि बाद में यह 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत के बड़े नुकसान के साथ 21,884.50 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी से जुड़ी 50 कम्पनियों में सिर्फ आठ के शेयर बढ़कर बंद हुए जबकि 42 के शेयरों में गिरावट रही।

सेंसेक्स की कम्पनियों में एनटीपीसी में सबसे अधिक करीब 15 प्रतिशत की गिरावट हुई। इसके अलावा एसबीआई में 14 प्रतिशत, एलएंडटी में 12 प्रतिशत और पावर ग्रिड में 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और जेएसडब्ल्यू स्टील में भी उल्लेखनीय गिरावट हुई। दूसरी ओर हिन्दुस्तान यूनिलीवर में छह प्रतिशत और नेस्ले में तीन प्रतिशत की तेजी आई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एशियन पेंट्स और सन फार्मा भी लाभ में रहे। एफएमसीजी को छोड़कर सभी क्षेत्रीय सूचकांक नुकसान के साथ बंद हुए।

शेयर बाजार के विशेषज्ञों का कहना था कि आम चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों ने घरेलू बाजार में डर पैदा किया। इस वजह से हाल में हुई भारी तेजी पलट गई। इसके बावजूद, बाजार ने भाजपा की अगुआई वाले गठबंधन के भीतर स्थिरता की अपनी उम्मीद को बनाए रखा। इससे सामाजिक अर्थशास्त्र पर ध्यान केंद्रित करने वाली राजनीति में बड़ा बदलाव होगा, जिसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 6,850.76 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.88 प्रतिशत गिरकर 76.89 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया।

बाजार में हाहाकार के बीच निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए

शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बीच निवेशकों की पूंजी की बात करें तो इसमें 31 लाख करोड़ की कमी आ गई। मंगलवार को बीएसई में सूचीबद्ध कपनियों का बाजार पूंजीकरण 31,07,806.27 करोड़ रुपये घटकर 3,94,83,705.27 करोड़ रुपये रह गया। इससे पहले सोमवार को भारी तेजी के बाद इन कम्पनियों का बाजार पूंजीकरण 13,78,630.4 करोड़ रुपये बढ़कर 4,25,91,511.54 करोड़ रुपये हो गया था।

पिछले दो लोकसभा चुनावों के परिणाम वाले दिन बाजार का ये था

उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी सरकार जब 16 मई, 2014 को पहली बार सत्ता में आई थी, तब सेंसेक्स 261.14 अंक या 0.90 प्रतिशत बढ़कर 24,121.74 अंक पर बंद हुआ था। उस दिन निफ्टी 79.85 अंक या 1.12 प्रतिशत बढ़कर 7,203 अंक पर पहुंच गया था। वहीं मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने पर 23 मई, 2019 को सेंसेक्स 298.82 अंक या 0.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 38,811.39 अंक पर बंद हुआ था। इस दिन निफ्टी 80.85 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,657.05 अंक पर बंद हुआ था।

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