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यूपी : हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़, 120 लोगों की मौत, मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल

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हाथरस, 2 जुलाई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में स्थित रतिभानपुर में मंगलवार को एक सत्संग के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया, जब भोले बाबा के प्रवचन में अचानक मची भगदड़ से कम से कम 120 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं व बच्चे शामिल हैं।

एडीजी आगरा अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि हादसे में अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि घायल अन्य श्रद्धालुओं में भी कई की हालत गंभीर है। वहीं हाथरस के डीएम आशीष कुमार का कहना था कि यह एक निजी कार्यक्रम था, जिसके लिए आयोजकों ने एसडीएम से अनुमति ली थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंकरामऊ कोतवाली क्षेत्र के फुलराई गांव में भोले बाबा साकार हरि के सत्संग का आयोजन किया गया था। इस सत्संग में आसपास के अलावा दूसरे जिलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। प्रशासन के अनुसार करीब सवा लाख से ज्यादा श्रद्धालु सत्संग में आए थे। इसमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

भीड़ और गर्मी के चलते श्रद्धालुओं की तबीयत खराब होने से मची भगदड़

बताया जा रहा है कि सत्संग के दौरान लोगों की भीड़ और गर्मी के चलते श्रद्धालुओं की तबीयत अचानक खराब होने लगी। गर्मी और उमस के चलते लोगों का दम घुटने लगा। सत्संग समाप्त होने के बाद जब लोग जाने के लिए उठे तो अचानक से लोग बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद सत्संग में भगदड़ गच गई। भगदड़ में महिलाएं, पुरुष व बच्चे जमीन पर गिर गए और सत्संग इतने बड़े हादसे में तब्दील हो गया।

सीएम योगी ने जताया शोक, घटना की जांच के दिए निर्देश

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है औऱ घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की एक X पोस्ट के अनुसार सीएम योगी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

सरकार के दो मंत्री घटनास्थल के लिए रवाना

वहीं, सीएण योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों – लक्ष्मी नारायण व संदीप सिंह के अलावा मुख्य सचिव व डीजीपी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख की आर्थिक मदद

सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि शासन बड़ी काररवाई की तैयारी में है और कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर भी होगी।

आयोजकों का आरोप – प्रशासन की कमजोरी से हुआ हादसा

इस बीच सत्संग पर आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन की कमजोरी से यह हादसा  हुआ। उन्होंने कहा, ‘हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम कराया था। कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन मौजूद थे। जब कार्यकम खत्म हुआ, तब भगदड़ मच गई। ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है। कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था। मैं भंडारे का काम देख रहा था।

 

कार्यक्रम में 12 से साढ़े 12 हजार सेवादार थे, एम्बुलेंस एक भी नहीं

महेश चंद्र ने बताया, ‘हाथरस में यह कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ है। हमारे पास तीन घंटे की परमिशन थी। 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद घटना हुई है। प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में आने की जानकारी दी गई थी, जहां इंतजाम किए गए थे, वहां बहुत भीड़ थी। कार्यक्रम में 12 से साढ़े 12 हजार सेवादार थे। हमने इतने स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे, एम्बुलेंस एक भी नहीं थी। कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने लगे और भगदड़ मची। बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे थे।’

शवों की जा रही है पहचान : पुलिस

एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना था कि एटा अस्पताल में कई लोगों के शव लाए गए हैं। इनमें ज्यादातर महिलाओं व बच्चों के शव शामिल हैं। सभी शवों की पहचान की जा रही है। इस घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है। वहीं एटा मेडिकल कॉलेज के जिला चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने बताया कि मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है क्योंकि लगातार घायल लोग अस्पताल लाए जा रहे हैं।

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