नई दिल्ली, 22 जुलाई। पेगासस फैन टैपिंग विवाद, किसान आंदोलन और कोविड कुप्रबंधन सहित कई मुद्दों को लेकर संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी गतिरोध जारी रहा। इस क्रम में सम्पूर्ण विपक्ष के आक्रामाक तेवर के बीच गुरुवार को कई अवरोधों के बाद अंततः दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
- पेगासस और कोविड को लेकर विपक्ष का हंगामा
उच्च सदन राज्यसभा में तो उस समय स्थिति बिगड़ती दिखी, जब दो बार सदन स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विणी वैष्णव पेगासस जासूसी मुद्दे पर बयान देने के लिए के जैसे ही उठे, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने उनके हाथ से पेपर छीन लिए और उसे सदन में ही फाड़ डाला।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौतों के लेकर भी हंगामा होता रहा, जिस कारण सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। अब उच्च सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे बहाल होगी।
- लोकसभा में कृषि कानूनों को लेकर लगातार हंगामा होता रहा
उधर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस एवं अन्य दलों ने लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न चार बजे से कार्यवाही शुरू होनी थी। लेकिन, विपक्ष के हंगामे के चलते बैठक शुरू नहीं हो सकी और शुक्रवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
उच्च सदन में आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव जैसे ही कथित पेगासस जासूसी केस पर अपना बयान देने उठे, विपक्षी दलों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। इसी बीच पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद ने उनके हाथ से बयान की कॉपी छीन ली और उसे सदन में ही फाड़ दिया। बताया जा रहा है कि पार्टी सांसद शांतनु सेन ने इस मामले में प्रमुख भूमिका निभाई।
- भाजपा ने टीएमसी सांसदों पर जाहिर की नाराजगी
भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने टीएमसी सांसदों के रवैये को बेहद निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सवाल पूछने का अधिकार है, लेकिन चर्चा की बजाय हमें सदन के अंदर इस तरह का हो-हंगामा देखने को मिला। यह नियमों के बिल्कुल खिलाफ है और मुझे लगता है कि इसकी भरपूर भर्त्सना होनी चाहिए।
वहीं, एक और बीजेपी सांसद महेश पोद्दार ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि टीएमसी तो प. बंगाल में विपक्षियों की हत्या और महिलाओं से दुर्व्यवहार तक करती है, इसलिए उससे संसद सदस्य कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘आज उन्होंने पेपर छीनकर फाड़ दिए, कोई आश्चर्य नहीं कि वो कल कपड़े फाड़ दें।’ हालांकि, सदन के बाहर टीएमसी सांसद शुभेंदु शेखर रॉय ने मीडिया के सवालों पर कुछ भी जवाब नहीं दिया।
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