कोलंबो, 14 जुलाई। संकटग्रस्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने गुरुवार को अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने के कार्यालय को भेज दिया, जो शुक्रवार को इसकी औपचारिक घोषणा करने से पहले दस्तावेज की वैधता की जांच कर रहा है। एक अधिकारी ने देर रात यह जानकारी दी।
President’s office says the letter currently circulating on social media claiming to be President Gotabaya Rajapaksa’s resignation letter is FAKE. https://t.co/QQMCKxCVzu pic.twitter.com/TBGMAm1pQo
— NewsWire 🇱🇰 (@NewsWireLK) July 14, 2022
स्पीकर के मीडिया सचिव इंदुनील अभयवर्धने ने बताया कि राष्ट्रपति राजपक्षे का इस्तीफा पत्र सिंगापुर में श्रीलंका उच्चायोग को प्राप्त हुआ है। उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘स्पीकर चाहते हैं कि सत्यापन प्रक्रिया और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एक आधिकारिक बयान कल (शुक्रवार) जारी किया जाए।’
Statement from Speaker Mahinda Yapa Abeywardena : Announcement tomorrow https://t.co/TPTuM6ZQjg
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मालदीव की मजलिस के स्पीकर मो. नशीद ने राजपक्षे के इस्तीफे की घोषणा की
सूत्रों ने बताया कि स्पीकर वास्तविक हस्ताक्षर देखना चाहते हैं। इससे पहले, एक असमान्य कदम के तहत मालदीव की संसद (मजलिस) के अध्यक्ष (स्पीकर) मोहम्मद नशीद ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के अपने पद से इस्तीफा दे देने की घोषणा की। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब संकटग्रस्त देश आगे बढ़ सकता है।
मोहम्मद नशीद ने ट्वीट किया, ‘श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। मुझे उम्मीद है कि श्रीलंका अब आगे बढ़ सकता है। मेरा मानना है कि राष्ट्रपति अगर श्रीलंका में रहते तो इस्तीफा नहीं देते, क्योंकि उन्हें अपनी जान को खतरा था। मैं मालदीव सरकार के कदमों की प्रशंसा करता हूं। मेरी शुभकामानाएं श्रीलंका के लोगों के साथ है।’
राजपक्षे दिन में मालदीव से सिंगापुर पहुंचे थे
उल्लेखनीय है कि राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने यह घोषणा देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बाद प्रदर्शनकारियों के उनके आधिकारिक आवास में दाखिल हो जाने के बाद की थी। हालांकि, वह पद से बिना इस्तीफा दिए बुधवार को मालदीव चले गए और गुरुवार को वहां से सिंगापुर पहुंचे। कोलंबो गजट की खबर के मुताबिक, राजपक्षे के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे राष्ट्रपति होंगे। विक्रमसिंघे फिलहाल कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं।