कोलंबो, 9 मई। घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में विरोध-प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना त्यागपत्र भेजा। उनके अलावा कम से कम दो कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने इस्तीफे की घोषणा की है।
अगली नोटिस तक पूरे देश में कर्फ्यू लागू
इसी क्रम में श्रीलंकाई अधिकारियों ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। एक पुलिस प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा कि अगली नोटिस तक तत्काल प्रभाव से पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
राजधानी कोलंबो में सेना तैनात
वहीं महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना तैनात कर दी गई है। इस हमले में कम से कम 78 लोग घायल हो गए। बताया गया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में सहायता के लिए सैन्य दल को विरोध स्थल पर तैनात किया गया है।
एक माह के भीतर दूसरी बार आपातकाल लागू
इसके पूर्व शुक्रवार को एक विशेष कैबिनेट बैठक में राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार मध्य रात्रि से आपातकाल की घोषणा कर दी थी। यह दूसरी बार है, जब श्रीलंका में लगभग एक महीने की अवधि में आपातकाल घोषित किया गया।
स्मरण रहे कि वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।