नई दिल्ली, 25 जुलाई। श्रीलंका में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल के बीच पिछले दिनों पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए और इधर श्रीलंका में एक नई सरकार चुनी गई। राजपक्षे सिंगापुर पहुंच तो गए लेकिन उनकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी बीच उनके खिलाफ सिंगापुर में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। इसमें उनकी गिरफ्तारी की मांग है।
- मानवाधिकारी उल्लंघन के गंभीर आरोप
दरअसल, एक रिपोर्ट में न्यूज एजेंसी ने बताया है कि दक्षिण अफ्रीका के एक मानवाधिकार समूह ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए यह शिकायत दर्ज कराई है। इसमें उनके खिलाफ मानवाधिकारी उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। श्रीलंका में लिट्टे के विरुद्ध दशकों तक चले गृहयुद्ध में राजपक्षे की भूमिका को लेकर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई है।
- फिलहाल सिंगापुर में हैं राजपक्षे
रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण अफ्रीका के इंटरनेशनल ट्रुथ एंड जस्टिस प्रोजेक्ट आईटीजेपी के वकीलों ने सिंगापुर के महान्यायवादी को एक आपराधिक शिकायत सौंपते हुए युद्ध अपराध के लिए 73 वर्षीय राजपक्षे को गिरफ्तार करने की मांग की है। श्रीलंका को छोड़ने के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे फिलहाल सिंगापुर में हैं। लेकिन अब यहां की सरकार ने भी उन्हें देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है।
- सिंगापुर में भी रहने की सीमा समाप्ति की कगार पर
उधर सिंगापुर प्रशासन ने राजपक्षे से देश छोड़ने के लिए कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि उन्हें सिंगापुर में रहने के लिए मिली 15 दिन की छूट को और नहीं बढ़ाया जा सकता है। गोटाबाया के इस्तीफे के बाद सिंगापुर प्रशासन ने भी पूर्व राष्ट्रपति को शरण देने से इनकार कर दिया। हालांकि उनके सिंगापुर में पहुंचने के बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि वे यहां निजी दौरे पर पहुंचे हैं।