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टोक्यो ओलंपिक : सिंधु की शानदार शुरुआत, सानिया व अंकिता मजबूत बढ़त का फायदा उठाने में विफल

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टोक्यो, 25 जुलाई। रियो 2016 में रजत पदक जीतने वाली भारतीय शटलर पी.वी. सिंधु ने रविवार को टोक्यो ओलंपिक खेलों में अपने अभियान का शानदार श्रीगणेश किया और सिर्फ 29 मिनट में पहले दौर की बाधा पार कर ली। लेकिन देश की अनुभवी टेनिस स्टार सानिया मिर्जा व उनकी सहयोगी अंकिता रैना मजबूता बढ़त का फायदा नहीं उठा सकीं और महिला युगल के पहले ही दौर में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।

इजरायली शटलर सिर्फ 29 मिनट सिंधु के सामने टिक सकी

हैदराबाद की 26 वर्षीया बैडमिंटन दिग्गज सिंधु ने मुसाशिनो फॉरेस्ट प्लाजा के कोर्ट नंबर दो पर तनिक भी वक्त जाया नहीं किया और ग्रुप-जे के अपने पहले मुकाबले में इजरायल की सेनिया पोलिकार्पोवा को 21-7, 21-10 से हरा दिया। छठी सीड सिंधु का अगला मुकाबला हांगकांग की च्युंग एनगान यी से 27 जुलाई को होगा।

विश्व रैंकिंग में सातवें नंबर पर काबिज सिंधु के पावर गेम का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने 13 मिनट में ही फरिया गए पहले गेम में प्रतिद्वंद्वी को सिर्फ सात अंक लेने दिए। इस गेम में भारतीय शटलर ने एकबारगी लगातार 13 अंक हासिल किए। दूसरे गेम में 4-11 से पिछड़ने के बाद विश्व नंबर 58 पोलिकार्पोवा ने वापसी की भरपूर कोशिश की, लेकिन वह सिंधु के क्रॉस कोर्ट शॉट्स का तोड़ नहीं निकाल पाईं।

टेनिस में सानिया व अंकिता कड़े संघर्ष में हारीं

बैडमिंटन के विपरीत एरिआक टेनिस पार्क से अच्छी खबर नहीं मिलीं, जहां महिला युगल के पहले दौर में सानिया मिर्जा अंकिता रैना की जोड़ी शानदार शुरुआत का फायदा नहीं उठा सकी और टाईब्रेक सेट में उन्हें मायूसी हाथ लगी। युक्रेनियाई जुड़वा बहनों – ल्यूडमिला किचनोक व नादिया किचनोक ने भारतीय जोड़ी को एक घंटा 33 मिनट में 0-6, 7-6(0), 10-8 से मात दी।

युक्रेनियाई बहनों ने की असाधारण वापसी
सानिया और अंकिता एक बारगी जीत से सिर्फ एक गेम दूर थीं। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि तीन सर्विस ब्रेक के बीच एक भी गंवाने बिना महज 21 मिनट में पहला सेट लेने के बाद दूसरे सेट में उन्होंने 5-2 की बढ़त ले रखी थी। लेकिन किचनोक बहनों ने यहां से असाधारण वापसी की। उन्होंने यह सेट न सिर्फ टाईब्रेकर में पहुंचाया वरन टाईब्रेकर में भारतीय जोड़ी को भी एक भी अंक नहीं लेने दिया और 58 मिनट में सेट जीत लिया।

अब बारी थी डायरेक्ट टाईब्रेकर की, जहां किचनोक बहनों ने 8-0 की बढ़त ले ली। फिर भारतीय जोड़ी ने वापसी करते हुए लगातार सात अंक जीतकर स्कोर 8-7 कर दिया। लेकिन यूक्रेनी जोड़ी ने निर्णायक दो महत्वपूर्ण अंक लेकर मैच अपने नाम कर लिया।

अब सुमित नागल के रूप में इकतौली उम्मीद बची
सानिया-अंकिता की हार के बाद अब टोक्यो ओलंपिक की टेनिस स्पर्धा में सुमित नागल के रूप में भारत की इकलौती उम्मीद बची है। नागल ने शनिवार को उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन को तीन सेटों में मात दी थी। सुमित ओलंपिक टेनिस के दूसरे दौर में प्रवेश करने वाले 1996 के बाद पहले भारतीय हैं। उस वर्ष अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने कांस्य पदक जीता था। सुमित की अब दूसरी सीड रूसी दिग्गज डेनिल मेडवेडेव से मुलाकात होगी।

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