नई दिल्ली, 21 जनवरी। खेल मंत्रालय ने देश के नामी गिरामी पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों पर सख्त कदम उठाते हुए शनिवार को भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया। साथ ही डब्ल्यूएफआई की तमाम गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है। दरअसल, विनोद तोमर ने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन करते हुए बयान दिया था और उन पर लगे आरोपों को निराधार बताया था।
विनोद तोमर ने आरोपों को बताया था निराधार
सहायक सचिव ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा था कि जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई भी सबूत पेश नहीं किया है।
तोमर का कहना था, ‘पहलवानों के आरोप निराधार हैं। मैं पिछले 12 वर्षों से उनके साथ जुड़ा हुआ हूं और मैंने कभी भी ऐसी कोई घटना या फिर आरोप नहीं देखे हैं।’ उन्होंने कहा था कि तीन-चार दिन हो गए हैं (पहलवानों को धरना दिए हुए), लेकिन उन्होंने कोई भी सबूत पेश नहीं किया है।
WFI ने पहलवानों के सभी आरोपों को किया खारिज
इसके पूर्व दिन में डब्ल्यूएफआई ने अपने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित सभी आरोपों को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि खेल निकाय में किसी तरह के कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है। डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को दिए अपने जवाब में कहा कि डब्ल्यूएफआई का प्रबंधन उसके संविधान के अनुसार, एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है और इसलिए इसमें किसी एक की ओर से कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश ही नहीं है।
इसके पूर्व शुक्रवार को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से साथ मुलाकात के बाद पहलवानों ने देर रात धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया था। अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का आश्वासन दिया कि मामले की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया गया है और इसकी निष्पक्ष जांच की जाएगी।