टोक्यो, 3 अगस्त। पिछले 41 वर्षों से अपने नौवें ओलंपिक स्वर्ण की तलाश में भटक रही भारतीय पुरुष हॉकी टीम का इंतजार और बढ़ गया, जब मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक खेलों के पहले सेमीफाइनल में वह विश्व चैंपियन व रियो 2016 के रजत पदक विजेता बेल्जियम से पार नहीं पा सकी और 2-5 से शिकस्त खा बैठी। मनप्रीत सिंह की अगुआई में उतरी भारतीय टीम अब विश्व नंबर एक ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच खेले जाने वाले दूसरे सेमीफाइनल की पराजित टीम से कांस्य पदक के लिए खेलेगी।
अंतिम क्वार्टर में मनप्रीत एंड कम्पनी बेबस नजर आई
मौजूदा ओलंपिक खेलों के दौरान अब तक बेहतरीन प्रदर्शन के सहारे एफआईएच विश्व रैंकिंग में पहली बार तीसरे क्रम पर जा पहुंचे भारतीय पुरुषों ने ओआई स्टेडियम की नार्थ पिच पर पहले क्वार्टर में तो विश्व नंबर दो बेल्जियम से जमकर लोहा लिया और पिछड़ने के बाद 2-1 की बढ़त भी ले ली। गोलरहित दूसरे क्वार्टर में भी अच्छी टक्कर देखने को मिली। लेकिन तीसरे क्वार्टर में बेल्जियम ने रफ्तार पकड़ते हुए भारत की बराबरी कर ली और चौथे क्वार्टर में तो यूरोपीय खिलाड़ियों के दमखम व तेजी के सामने मनप्रीत सिंह एंड कम्पनी पूरी तरह लस्त-पस्त हो गई।
बेल्जियम की बड़ी जीत में हेंड्रिक्स की तिकड़ी
पूरे मैच में 14 पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने वाले बेल्जियन खिलाड़ियों ने अंतिम क्वार्टर में भारतीय दुर्ग पर लगातार हमलों के बीच शॉर्ट कॉर्नर की बौछार कर दी और एलेक्जेंडर रॉबी हेंड्रिक्स की शानदार तिकड़ी की मदद से आसान जीत के सहारे लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह सुरक्षित कर ली।
पहले क्वार्टर के बाद भारत ने 2-1 की बढ़त ले रखी थीभारत के लिए हरमनप्रीत सिंह ने सातवें मिनट में शॉर्ट कॉर्नर भुनाया तो अगले ही मिनट मनदीप सिंह ने जमीनी गोल कर अपनी टीम को बेल्जियम पर बढ़त दिला दी, जिसने फैनी लुइपर्ट के दूसरे ही मिनट के पेनाल्टी कॉर्नर गोल से शुरुआती अग्रता ली थी। फिलहाल इसके बाद भारत की ओर से एक भी गोल नहीं देखने को मिला, जिसनें पांच में चार शॉर्ट कॉर्नर बेकार किए।
हेंड्रिक्स अब तक कर चुके हैं 13 गोल
उधर बेल्जियम के ड्रैग फ्लिकर हेंड्रिक्स रंगत में आ चुके थे, जिन्होंने दूसरा क्वार्टर शुरू होने के बाद 19वें मिनट में अपने पहले शॉर्ट कॉर्नर गोल से टीम को बराबरी दिलाई। फिर बारी आई अंतिम क्वार्टर की, जिसमें हेंड्रिक्स ने 49वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर और 53वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर गोल कर अपनी हैट्रिक पूरी की जबकि हूटर बचने के ठीक पहले जॉन डोमिनिक डोमेन ने गोल कर बेल्जियम की शानदार जीत पर अंतिम मुहर लगाई। हेंड्रिक्स लीग चरण के पांच सहित कुल सात मैचों में अब तक 13 गोल कर चुके हैं।
भारत ने अंतिम बार मॉस्को 1980 में जीता था स्वर्ण
भारत ने आखिरी बार मॉस्को ओलंपिक 1980 में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन वह म्यूनिख ओलंपिक 1972 के बाद 48 वर्षों के लंबे अंतराल पर पहली बार यहां सेमीफाइनल में पहुंचा था। अमेरिकी गुट के बहिष्कार के कारण मॉस्को खेलों की हॉकी स्पर्धा छह टीमों के बीच राउंड रॉबिन लीग आधार पर करानी पड़ी थी और शीर्ष पर पहुंची दो टीमों के बीच खेले गए फाइनल में भारत ने स्पेन को हराया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी देखा मैच
दिलचस्प यह रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत और बेल्जियम के बीच सेमीफाइनल मुकाबले का लुत्फ उठाया। उन्होंने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने मैच से पहले हॉकी टीम को शुभकामनाएं देकर खिलाड़ियों का हौसला भी बढ़ाया।