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बिहार : असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी में फूट, एआईएमआईएम के 5 में 4 विधायकों ने थामा राजद का हाथ

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पटना, 29 जून। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को बिहार में बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के कुल पांच विधायकों में से चार ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम लिया।

अख्तरुल ईमान को छोड़ अन्य चारों विधायकों ने छोड़ा ओवैसी का साथ

वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य के मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके से जीतकर आए पांच विधायकों में अमौर विधानसभा क्षेत्र से अख्तरुल ईमान, कोचादामम से मोहम्मद इज़हर असफी, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, बैसी से सैयद रुकनुद्दीन और बहादुरगंज से अजहर नईमी शामिल हैं। इनमें अख्तरुल को छोड़कर शेष चारों विधायकों ने तेजस्वी यादव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली।

एआईएमआईएम विधायकों के इस पाला बदल के बाद बिहार विधानसभा के 243 सदस्यीय सदन में राजद के पास इस वक्त कुल 80 विधायक हैं, इसलिए वो प्रदेश विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल के तौर पर स्थापित है।

बिहार विधानसभा में आज उस समय सभी दल के नेता और विधायक इस बात को देखकर अवाक रह गए, जब सदन के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एआईएमआईएम के चारों विधायकों को अपने साथ बैठाकर खुद कार चलाते हुए विधान भवन पहुंचे।

जनता की सेवा के लिए कोई भी राजद के साथ जुड़ने के लिए स्वतंत्र : तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने इस बाबत कहा, ‘एआईएमआईएम के चुने हुए जन प्रतिनिधियों ने मुझसे मुलाकात की और राजद के साथ जुड़ने की इच्छा जताई। हम लालू जी की विचारधारा की पार्टी हैं, हमने उनसे कहा कि जनता की सेवा के लिए कोई भी राजद के साथ जुड़ने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए सभी चारों सदस्यों ने बाकायदा ओवासी जी की पार्टी छोड़ते हुए हमारी पार्टी ज्वाइन की है।’

बिहार की भलाई के लिए काम करने के इच्छुक सभी नेताओं को एक साथ आना चाहिए

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि उन सभी नेताओं या विधानसभा के सदस्यों को, जो देश और बिहार की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं और फिरका परस्त ताकतों को रोकने के लिए एकजुट होना चाहते हैं, एक साथ आना चाहिए और संविधान के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर लड़ना चाहिए।

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