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झारखंड : पूर्व सीएम चंपई सोरेन के भाजपा में जाने की अटकलें, बोले – ‘क्या सच, क्या झूठ, हमें नहीं पता, हम तो आपके सामने’

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रांची, 17 अगस्त। झारखंड में इसी वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में बड़ी टूट की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस क्रम में राज्य के सियासी गलियारे में चर्चा है कि मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन नाराज हैं और वह कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। चंपई सोरेन फिलहाल हेमंत सोरेन सरकार में जल संसाधन विभाग और उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री हैं।

हेमंत सोरेन के दोबारा सीएम बनने से नाराज बताए जा रहे चंपई

दावा किया जा रहा है कि हेमंत सोरेन के दोबारा मुख्यमंत्री बनने और चंपई सोरेन के मजबूरन सीएम पद छोड़ने को लेकर चंपई सोरेन नाराज हैं और इसीलिए वह भाजपा का रुख कर सकते हैं। फिलहाल शनिवार की शाम चंपई सोरेन ने दावा किया है कि उन्हें इन सारी बातों के बारे में कुछ भी नहीं पता है। उन्होंने यह तक कहा कि वह फिलहाल जहां हैं, वहीं रहेंगे।

भाजपा में शामिल होने और पार्टी से नाराजगी को लेकर पत्रकारों से बातचीत के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता औऱ चंपई सोरेन ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘आप लोग ऐसा सवाल कर रहे हैं, लेकिन हम तो आपके सामने हैं। हमें इस बारे में कोई खबर ही नहीं है तो हम सच और झूठ का आकलन ही कहां से करेंगे क्योंकि इस बारे में तो कोई सच्चाई ही नहीं है।’

हालिया कई मौकों पर पूर्व सीएम की तारीफ कर चुके हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता

वैसे चंपई सोरेन को लेकर अटकलों की वजह भी है। दरअसल, मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद कई मौकों पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने चंपई सोरेन की तारीफ की है। विधानसभा के मानसून सत्र में भी भाजपा नेताओं ने सदन के भीतर उनकी प्रशंसा की। वहीं, भाजपा के चुनाव सह प्रभारी एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा समेत प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनके साथ सहानुभूति प्रकट करते हुए झामुमो नेतृत्व पर कई बार निशाना साधा है। सूत्रों के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से उनकी दो दौर की बातचीत भी हो चुकी है।

चंपई के साथ लोबिन हेम्ब्रम का भी भाजपा में शामिल होना लगभग तय

चंपई सोरेन के अलावा हाल ही में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए गए झामुमो के बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम का भाजपा में शामिल होना लगभग तय हो चुका है। हेम्ब्रम ने राजमहल संसदीय क्षेत्र से दल के प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ा था। लेकिन झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की शिकायत पर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दिया था। और तो और, हेम्ब्रम अरसे से मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बोलते रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सीता सोरेन ने दिया था झामुमो को झटका

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन की बड़ी बहू और सीएम हेमंत की भौजाई सीता सोरेन ने भाजपा में शामिल होकर झामुमो को झटका दिया था। भाजपा ने उन्हें दुमका से घोषित प्रत्याशी सुनील सोरेन को हटाकर चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। झारखंड के सियासी जानकारों का मानना है कि आसन्न विधानसभा चुनाव के तहत झामुमो और कांग्रेस को फिर झटका दिया जा सकता है। शीर्ष रणनीतिकार इस मुहिम में लगे हैं। बात-बात में ऐसे संदेश भी दिए जा रहे हैं।

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