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ISIS के 7 आतंकियों को एनआईए की विशेष अदालत ने सुनाई फांसी की सजा, एक को उम्रकैद

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लखनऊ, 1 मार्च। उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस के सात आतंकियों को फांसी और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें से एक कन्नौज और सात कानपुर के रहने वाले हैं। इन सभी पर देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने व देश विरोधी क्रियाकलापों के अलावा भारी मात्रा में गोला-बारूद रखने का आरोप है।

विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने मंगलवार देर शाम सुनाए अपने फैसले में फांसी की सजा के साथ-साथ सभी आरोपितों को अलग-अलग अर्थ दंड से दंडित किया है। सजा सुनाए जाने के समय सभी आरोपित कोर्ट में उपस्थित थे।

एनआईए कोर्ट ने आंतकवादी मोहम्मद फैसल, गौर मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हसन और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी ने मौत की सजा सुनाई जबकि मोहम्मद आतिफ ईरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में नौ लोग घायल हुए थे

स्मरण रहे कि सात मार्च, 2017 को मध्य प्रदेश के शाजापुर के पास पूर्वाह्न 9.38 बजे जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में नौ लोग घायल हो गए थे। इस पूरे मामले की जांच को केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंप दी थी। एनआईए ने लखनऊ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। वैसे मामले का खुलासा एटीएस ने किया था, जिसके बाद जांच एनआईए को सौंप की दी गई थी। एटीएस ने जांच के दौरान लखनऊ में एनकाउंटर में एक आतंकी लखनऊ में सैफुल्ला नाम के एक शख्स को मार गिराया था।

एनआईए की पड़ताल में भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ था। बाद में एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें आरोपितों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करने, विस्फोटक और हथियार जुटाने, जाकिर नायक का वीडियो देखने के बाद देहात के लिए ट्रेनिंग देने का मुकदमा चलाया गया।

कोर्ट ने सभी आरोपितों को गत 24 फरवरी को दोषी ठहराया था। हालांकि दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने सोमवार को सजा की तारीख नियत की थी, लेकिन मंगलवार को अपना फैसला दिया। सभी को आईपीसी की धारा, 121, 121A, 122, 123, शस्त्र अधिनियम 3/25/25 और गैरकानूनी गधिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 17,18, 18A, 18B, 23, 28 के तहत दोषी करार दिया गया।

जानें, कब क्या हुआ

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