अहमदाबाद, 8 फरवरी। अहमदाबाद में वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में यहां की विशेष अदालत ने मंगलवार को 49 लोगों को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ए.आर. पटेल ने 28 आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
सितम्बर, 2021 में पूरी हो गई थी मुकदमे की कार्यवाही
विशेष अदालत ने 13 वर्षों से अधिक पुराने इस मामले में पिछले साल सितम्बर में कुल 77 आरोपितों के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली थी। ट्रायल कोर्ट ने फैसले की तारीख एक फरवरी तय की थी, लेकिन न्यायाधीश के कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाने की वजह से इसे आठ फरवरी कर दिया गया था।
16 जुलाई, 2008 को हुए बम धमाकों में 56 मौतें हुई थीं
गौरतलब है कि 16 जुलाई, 2008 में 20 मिनट के भीतर गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में कुल 21 धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी जबकि करीब 200 अन्य घायल हुए थे। पुलिस ने दावा किया था कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने वर्ष 2002 में गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे। इन धमाकों के कुछ दिन बाद पुलिस ने सूरत के विभिन्न इलाकों से कई बम बरामद किए थे। इसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 एफआईआर दर्ज की गई थीं।
दिसंबर, 2009 में 78 लोगों के खिलाफ शुरू हुई थी मुकदमे की सुनवाई
अदालत की ओर से सभी 35 एफआईआर को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर, 2009 में 78 आरोपितों के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत हुई थी। इनमें से एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया था। बाद में चार और आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनका मुकदमा अब तक शुरू नहीं हो पाया है। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 1,100 गवाहों का परीक्षण किया।