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उत्तर प्रदेश : अंततः टूट गया सपा-सुभासपा गठबंधन, राजभर बोले – ‘तलाक मंजूर, मैं किसी का गुलाम नहीं’

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लखनऊ, 23 जुलाई। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले  समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के बीच हुआ गठबंधन पिछले कुछ दिनों से जारी तनातनी के बाद आखिरकार शनिवार को टूट गया।

सपा ने शिवपाल और ओमप्रकाश को पत्र लिखकर उनसे पार्टी छोड़ने को कहा था

दरअसल, समाजवादी पार्टी ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पत्र जारी करते हुए उन्हें नसीहत दे डाली। इस पत्र में शिवपाल सिंह यादव को मेंशन करते हुए लिखा गया है कि अगर आपको लगता है कि आपको कहीं और ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

इसी तरह ओमप्रकाश राजभर को लिखे पत्र में कहा गया है कि आप लगातार बीजेपी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि आपको कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

हम दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे

बस फिर क्या था…सपा की चिठ्ठी सामने आने के बाद सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भी तत्काल प्रतक्रिया जाहिर कर दी। उन्होंने कहा, ‘इस तलाक को मंजूर करते हैं। आगे इसका जवाब देंगे।’

ओमप्रकाश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘आज उन्होंने (सपा) तलाक दे दिया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है। अगला कदम बसपा है। जब मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलता हूं तो यह उनके लिए (अखिलेश यादव) बुरा होता है, लेकिन अखिलेश यादव सीएम से मिलते हैं तो अच्छा है। 2024 तक सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। हम दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे।’

इस तलाक के पीछे अखिलेश के नौ रत्न, जो अपना बूथ तक नहीं जिता सकते

उन्होंने अखिलेश पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि इस तलाक के पीछे मौलाना संदीप भदौरिया, अरविंद सिंह और नरेश उत्तम पटेल समेत अखिलेश के नौ रत्न हैं। ये वही लोग हैं, जो अपना बूथ तक नहीं जिता सकते।

अखिलेश यादव को सुर में सुर मिलाकर बात करने वाला नेता चाहिए

राजभर यहीं नहीं रुके, उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा, ‘समाजवादी पार्टी किसी के साथ ज्यादा दिन नहीं रहती। ये न कांग्रेस के साथ ही टिक सके और न ही बसपा के साथ। मैं किसी का गुलाम नहीं हूं। अखिलेश यादव को सुर में सुर मिलाकर बात करने वाला नेता चाहिए। ईश्वर करे कि वो एसी से बाहर न निकलें। वह एसी घर में बने रहने के लिए है। दलितों व वंचितों की लड़ाई उनके बस की नहीं है।’

इस बीच सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे डॉ. अरविंद राजभर ने भी समाजवादी पार्टी की चिठ्ठी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘ख़ुद-कुशी करती है आपस की सियासत कैसे, हमने ये फिल्म नई खूब इधर देखी है। धन्यवाद है समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव जी को…फिर मिलेंगे चलते चलते।’ डॉ. अरविंद के इस ट्वीट को ओमप्रकाश राजभर ने रीट्वीट भी किया है।

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