नई दिल्ली, 24 जून। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। रेटिंग्स एजेंसी ने मंगलवार को जारी एशिया प्रशांत आर्थिक परिदृश्य में सामान्य मानसून, कच्चे तेल की कम कीमतों और मौद्रिक नरमी को ध्यान में रखते हुए विकास दर के अनुमान में ये इजाफा किया है। हालांकि, एजेंसी ने पश्चिम एशिया में जारी तनाव के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की भी आशंका जताई है।
मध्य पूर्व में तनाव के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की भी आशंका
उल्लेखनीय है कि एसएंडपी ने पिछले माह वैश्विक अनिश्चितताओं और अमेरिकी टैरिफ झटकों का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 20 आधार अंक (0.20 फीसदी) घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया था।
रेटिंग्स एजेंसी ने जारी अपने ताजा अनुमान में कहा कि यदि पश्चिम एशिया में संघर्ष लंबा खिंचा तो इससे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका एशिया प्रशांत महासागर क्षेत्र के आर्थिक विकास पर असर होगा।
भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 90 फीसदी आयात पर निर्भर है और अपनी प्राकृतिक गैस का लगभग आधा हिस्सा विदेशों से खरीदता है। एसएंडपी ने कहा कि घरेलू मांग में लचीलापन, भारत जैसी वस्तुओं के निर्यात से कम जुड़ी अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक मंदी को सीमित करने में विशेष रूप से प्रासंगिक है।
विकास दर का ताजा अनुमान आरबीआई के अनुमान के अनुरूप
एसएंडपी ने कहा, ‘हमें लगता है कि 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहेगी। इस पूर्वानुमान में सामान्य मानसून, कच्चे तेल की कम कीमतें, आयकर में छूट और मौद्रिक सहजता को शामिल किया गया है।’ भारत के लिए एसएंडपी का विकास दर का ताजा अनुमान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा इस माह की शुरुआत में जताए गए 6.5 फीसदी के अनुमान के अनुरूप है।

