Site icon hindi.revoi.in

राणा-सांगा विवाद में बैकफुट पर सपा, विरोध बढ़ने के बाद अखिलेश यादव ने कहा- वीरता पर नहीं खड़े कर रहे सवाल

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

लखनऊ, 27 मार्च। राणा सांगा पर सपा सांसद द्वारा दिए गए बयान के बाद विवादों में घिरी समाजवादी पार्टी का बचाव पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने खुद किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि हमारे सांसद ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गये इतिहास और एक पक्षीय की गई व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है। हमारा प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है। वर्तमान में बीते कल की मतलब ‘इतिहास’ की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती।

सपा प्रमुख ने कहा कि सपा सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास करती है। हम कमज़ोर से कमज़ोर प्रत्येक व्यक्ति को भी सम्मान दिलाना चाहते है। हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता। सपा मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही। बल्कि भाजपा ने इतिहास के कुछ विषयों को राजनीतिक लाभ उठाने के लिए और देश को धार्मिक-जातिगत आधार पर विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि आठ साल में भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार और लूट की हर सीमा पार कर दी है। भ्रष्टाचार और लूट इतना ज्यादा हुई कि जब आठ साल हुआ तो पुलिस को अपने आईएएस को पकड़ने के लिए एफआईआर लिखानी पड़ी। सत्ता शीर्ष से जुड़ा भ्रष्टाचार में डूबा एक आईएएस अण्डर ग्राउण्ड हो गया है। पहली सरकार है जिसके विधायक सरकार पर भ्रष्टाचार और बेईमानी के आरोप लगा रहे हैं। दूसरा विधायक और आगे बढ़ कर बाबा को प्रदेश से बाहर भेजने की मांग कर रहा है। बस्ती के एक और विधायक कह रहे है कि इतना भ्रष्टाचार कभी नहीं देखा। तहसील, थाने में लूट मची है।

सपा प्रमुख बुधवार को कन्नौज के बोर्डिंग गाउण्ड में 1108 कुण्डीय मृत्युंजय माँ पीताम्बरा महायज्ञ में शामिल हुए थे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इधर-उधर की बाते करते है, कभी प्रेस मीडिया के वालों का भी जवाब नहीं देते हैं। कहा कि इस सरकार में अगर कुछ बढ़ा है तो वह भ्रष्टाचार है। कहीं 50 करोड़ पकड़ा गया। कहीं आईएएस कमीशन ले रहा है।

Exit mobile version