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‘सपा सांसद नदवी अपनी चौथी बीबी को दें गुजारा भत्ता’, समझौते के लिए हाईकोर्ट ने दिया 3 महीने का समय

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प्रयागराज, 16 अक्टूबर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को निर्देश दिया है कि वह अपनी चौथी पत्नी को नियमित रूप से मासिक गुजारा भत्ता दें, अन्यथा कानूनी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। साथ ही न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा ने वैवाहिक विवाद का कोई समाधान निकालने के लिए मामले को हाई कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र को भेज दिया।

अदालत ने समझौता करने के लिए तीन महीने का समय दिया है और नदवी को 55,000 रुपये जमा करने का आदेश दिया है, जिसमें से 30,000 रुपये प्रति माह उनकी पत्नी को गुजारा भत्ता के रूप में दिए जाएंगे। मोहिबुल्लाह नदवी ने आगरा स्थित पारिवारिक न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश द्वारा 1 अप्रैल, 2024 को पारित आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सपा सांसद के वकील ने दलील दी कि मामला वैवाहिक विवाद से संबंधित है और नदवी इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाना चाहते हैं।

याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि अदालत रिकॉर्ड और उसके समक्ष प्रस्तुत दलीलों के आधार पर इस बात से भी संतुष्ट है कि मुकदमे की प्रकृति ऐसी है कि मध्यस्थता के माध्यम से मामले को सुलझाने की संभावना है और इस संभावना को तलाशने का प्रयास किया जाना चाहिए। हालांकि अदालत ने 11 सितंबर के अपने आदेश में चेतावनी दी कि यदि याचिकाकर्ता उक्त राशि जमा करने में विफल रहते हैं या गुजारा भत्ता की मौजूदा राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं या मध्यस्थता विफल रहती है तो अंतरिम आदेश स्वतः ही समाप्त हो जाएगा।

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने आजम खान की नाराजगी के बाद भी रामपुर से मोहिबुल्लाह नदवी को लोकसभा में टिकट दिया। नदवी चुनाव भी जीते। वह पहली बार सांसद बने हैं। आजम खान और मोहिबुल्लाह नदवी के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं। अभी हाल में ही जब अखिलेश यादव आजम खान से मिलने रामपुर गए थे तो नदवी उनके साथ मौजूद नहीं थे क्योंकि आजम ने उनसे मुलाकात करने से इनकार कर दिया था।

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