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उत्तर प्रदेश : सपा विधायक आजम खान की मुश्किलें बढ़ीं, अब एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली नोटिस

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रामपुर, 6 मई। विभिन्न आरोपों में पिछले 26 माह से भी ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और रामपुर के विधायक मो. आजम खान की मुश्किलें बढ़ती प्रतीत हो रही हैं क्योंकि उन्हें अब एक और केस में रामपुर पुलिस ने आरोपित बना दिया है। आजम खान पर आरोप है कि उन्‍होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का फर्जी सर्टिफिकेट बनवा कर मान्यता प्राप्त की थी।

रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का फर्जी सर्टिफिकेट बनवा कर मान्यता लेने का आरोप

दरअसल, वर्ष 2020 में कोतवाली रामपुर में भाजपा नेता आकाश सक्‍सेना की शिकायत पर दर्ज हुए मुकदमा संख्या 70/20 धारा 420, 467, 468, 471, 120B आईपीसी के मामले में पुलिस ने दोबारा की जांच में आजम खान को आरोपित बनाया है।

रामपुर की स्पेशल एमपी/ एमएलए कोर्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आजम खान को इस केस के वारंट जेल में तामील करा दिए गए। अब इस मामले की सुनवाई 19 मई को कोर्ट में होगी। इसके बाद आजम खान के जल्‍द जेल से बाहर आने की संभावना कम हो गई है।

जमानत के एक मामले में हाई कोर्ट की लेत लतीफी पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के एक मामले को लेकर हाई कोर्ट पर कड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 87 में से 86 मामलों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है। सिर्फ एक मामले के लिए इतना लंबा वक्त क्यों लग रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि मामले में 137 दिनों बाद भी फैसला क्यों नहीं हो पाया। अदालत ने यह भी कहा कि अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में फैसला नहीं देगी तो हम इसमें दखल देंगे। अदालत ने इस मामले में 11 मई को अगली सुनवाई करेगी।

शत्रु संपत्ति के एक मामले में जमानत याचिका पर नहीं हो सका है फैसला

गौरतलब है कि शत्रु संपत्ति के एक मामले में आजम खान की जमानत याचिका पर गुरुवार को भी फैसला नहीं हो सका था। उनकी जमानत को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में तीन घंटे तक दोनों तरफ से बहस हुई थी। दोपहर बाद हुई बहस सुनने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।

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