लखनऊ, 28 अगस्त। समाजवादी पार्टी (सपा) महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य अपने हिन्दू विरोधी बयानों के चलते अब अपनी ही पार्टी से घिरते नजर आ रहे हैं। इस क्रम में सपा नेता आईपी सिंह ने उन्हें नसीहत दी है कि खुद स्वामी प्रसाद ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया है तो इसका यह मतलब नहीं कि वह हर समय हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलते रहें।
दरअसल स्वामी प्रसाद बीते दिनों कहा था कि हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं है, ये केवल धोखा है। स्वामी प्रसाद के इस बयान पर आईपी सिंह ने X पर लिखा, ‘स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए। भले ही उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वे हिन्दू धर्म की आलोचना करें। जब मौर्य भाजपा में पांच साल थे, तब उन्होंने ये मुद्दा नहीं उठाया था। उनके ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं हो सकती, ये उनके निजी विचार हो सकते हैं। अगर उन्हें लड़ना है तो जातीय जनगणना पर लड़ें, आरक्षण का हक मार रही भाजपा सरकार, उस मुद्दे पर लड़ें।’
श्री स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें।
आप 5 वर्ष बीजेपी में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाये।आपके ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं…
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 28, 2023
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में अर्जक संघ के संस्थापक महामना रामस्वरूप वर्मा की जयंती शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं है, ये केवल धोखा है। सही मायने में यह ब्राह्मण धर्म है। उन्होंने आगे कहा कि उसी ब्राह्मण धर्म को हिन्दू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। यदि हिन्दू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है।