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यूपी चुनाव : सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमला,  भाजपा प्रत्याशी पर आरोप

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कुशीनगर, 1 मार्च। यूपी विधानसभा चुनाव में छठे चरण के प्रचार अभियान के अंतिम दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्टार प्रचारक स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर कातिलाना हमला हुआ। हमले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या भी मौके पर पहुंच गईं।

सपा और भाजपा कार्यकर्ता एक-दूसरे पर लाठी-डंडे लेकर टूट पड़े

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर की फाजिलनगर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं और उनकी मुख्य टक्कर भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा से है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में सपा और भाजपा कार्यकर्ता प्रचार के दौरान आमने-सामने आ गये और देखते ही देखते लाठी-डंडे लेकर एक दूसरे पर बरस पड़े।

सपा ने भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा के साथ जिला प्रशासन को भी दोषी ठहराया

स्वामी प्रसाद के समर्थकों ने हमले के लिए भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा को दोषी ठहराया है। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपाइयों को हमला करने के लिए उकसाया। स्वामी प्रसाद के समर्थक इस हमले से खासे नाराज दिखे और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के साथ जिला प्रशासन को भी दोषी ठहराया।

हमले के बाद कुशीनगर के शीर्ष पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच शुरू की। दोनों पक्षों से आवेदन लेने के बाद अधिकारियों का कहना था कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

भाजपा सांसद संघमित्रा पर चोरी-छुपे पिता स्वामी प्रसाद के लिए प्रचार करने का आरोप

घटनास्थल पर कुछ ही देर में जा पहुंचीं बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या की बात करें तो भाजपा समर्थक पहले से ही उनपर आरोप लगा रहे हैं कि वह अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए चुनाव में चोरी-छुपे प्रचार कर रही हैं। इस क्रम में रविवार की रात फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र के जौरा-मगुलही गांव में कथित तौर पर वह अपने पिता के लिए वोट मांग रही थीं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने बाद में एक समाचार चैनल की वीडियो शेयर किया, जिसमें संघमित्रा भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले का स्पष्ट आरोप लगाते हुए दिखाई पड़ रही हैं। इस दौरान उन्होंने लोगों से पिता स्वामी प्रसाद को जिताने की अपील भी की।

उल्लेखनीय है कि योगी सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्हें पहले पडरौना सीट से सपा उम्मीदवार बनाया गया था, जहां से वह तीन बार विधायक रह चुके हैं। दो बार वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर और वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विजयी हुए थे।

आरपीएन के आने के बाद स्वामी प्रसाद पडरौना की जगह फाजिलनगर से प्रत्याशी बने

भाजपा से इस्तीफा देने के बाद माना जा रहा था कि स्वामी प्रसाद समाजवादी पार्टी के टिकट पर पडरौना से ही उम्मीदवार होंगे, लेकिन आखिरी वक्त में उनकी सीट बदल दी गई। माना जा रहा है कि दिग्गज कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने और पडरौना से चुनावी मैदान में उतरने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद की सीट बदल दी और उन्हें फाजिलनगर से उम्मीदवार बनाया।

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