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सपा नेता नारद राय की भाजपा से जुड़ने की तैयारी, समर्थकों से बोले- ‘साइकिल पर ताला’ लगाओ

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बलिया, 28 मई। पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री नारद राय ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर अपने ‘बायो’ में ‘मोदी का परिवार’ लिखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने का संकेत दिया साथ ही जनता से सपा के चुनाव निशान ‘साइकिल’ पर ताला लगाने का आह्वान किया। सूत्रों के अनुसार, नारद राय 29 मई को अमित शाह के साथ बलिया में मंच साझा करते हुए भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं।

बलिया सदर सीट से दो बार के विधायक और राज्य सरकार में पूर्व मंत्री राय ने सोमवार देर रात ‘एक्स’ पर लिखा, ‘दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भारत के गृह मंत्री, राजनीति के चाणक्य अमित शाह जी के संकल्प की समाज के अंतिम पंक्ति में बसे गरीब को मज़बूत करने वाली सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करूंगा। जय जय श्री राम।”

उन्होंने इस पोस्ट के साथ ही शाह से हुई मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं। एक तस्वीर में उनके साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर भी बैठे हुए दिखाई दिए।

नारद राय ने ‘एक्स’ पर अपने नाम के आगे ‘मोदी का परिवार’ लिखा और एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह अपने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कह रहे हैं, ”मैं लड़ता हूं, तो ताल ठोक कर लड़ता हूं! मदद करता हूं, तो ताल ठोक कर करता हूं और विरोध भी करता हूं, तो ताल ठोक कर करता हूं!”

फेफना की चुनावी सभा में अपमान किए जाने का सपा प्रमुख पर लगाया आरोप

राय ने सोमवार को जिले के खोरी पाकड़ गांव में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने गत रविवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बलिया लोकसभा क्षेत्र से सपा के उम्मीदवार सनातन पांडेय के समर्थन में फेफना क्षेत्र में सम्पन्न हुई चुनावी सभा के दौरान अपना अपमान किए जाने का आरोप लगाया।

अखिलेश ने मंच पर नारद राय की मौजूदगी में उनका नाम तक नहीं लिया

उन्होंने समर्थकों से कहा, ”आप सभी हाथ उठाइये और साइकिल में ताला लगाइये।” सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को बलिया लोकसभा क्षेत्र से सपा उम्मीदवार सनातन पांडेय के समर्थन में फेफना क्षेत्र में एक चुनावी सभा को सम्बोधित किया था। ऐसा आरोप है कि उन्होंने मंच पर नारद राय की मौजूदगी के बाद भी उनका नाम नहीं लिया था।

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