लखनऊ, 22 जनवरी। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत पर अपनी रिहाई की अर्जी लगाई है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है की राज्य सरकार उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में अभियोजन प्रक्रिया को बिना मतलब के लटका रही है ताकि वो चुनाव प्रचार में हिस्सा ना ले सकें।
फरवरी, 2020 से सीतापुर जेल में बंद हैं आजम, चुनाव लड़ने के इच्छुक
जमीन कब्जा, धोखाधड़ी व मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई आरोपों में फरवरी, 2020 से सीतापुर जेल में बंद आजम खान यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार करना चाहते हैं। वह मौजूदा समय लगभग 80 मुकदमों का सामना कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आजम खान भी यूपी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इसके लिए उनके नाम से तीन पर्चे भी खरीदे गए हैं। हालांकि अभी नामांकन दाखिल नहीं हुआ है।
सपा नेता ने रिहाई के लिए तीन अलग-अलग मामलों में लगा रखी हैं अर्जियां
आजम खान ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि यूपी की अदालतों में जमानत पर रिहाई के लिए तीन अलग-अलग मामलों में अर्जियां लगा रखी हैं, लेकिन सरकार का अभियोजन विभाग उसमे जानबूझ कर लापरवाही बरत रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती कि वो किसी भी सूरत में चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आएं।
23 महीने बाद जेल से छूटे थे अब्दुल्लाह आजम
गौरतलब है कि आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह खान 23 महीने बाद गत 16 जनवरी को जेल से छूट कर रामपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सरकार और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा था, ‘इस बार चुनाव सरकार बनाम आवाम है। आज भी मेरे वालिद (आजम खान) की जान को खतरा है। उनको कुछ हुआ तो सरकार और जेल प्रशासन जिम्मेदार होगा।’ अब्दुल्लाह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात कर पिता के बारे में जानकारी दी थी।
टिकट बंटवारे को लेकर आजम और अखिलेश में ठनी!
इस बीच यह खबर भी सामने आ रही है कि आजम खान और सपा प्रमुख अखिलेश यादव में टिकट बंटवारे को लेकर ठन गई है। इसकी वजह है कि आजम अपने कई करीबियों के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन अखिलेश ने उनकी बात नहीं मानी।