लखनऊ, 12 जून। लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली अपार सफलता से उत्साहित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब केंद्र की राजनीति में उतरने का मन बना लिया है। इस क्रम में अखिलेश बुधवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद भी छोड़ दिया।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने बीते लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से जीत हासिल की है। चूंकि संविधान के नियम के अनुसार किसी भी एक सदन में रहने के लिए दूसरे सदन से इस्तीफा देना जरूरी होता है अन्यथा सदस्यता स्वत: रद हो जाती है। इसीलिए अखिलेश ने करहल विधानसभा सीट छोड़ने का फैसला किया।
फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद ने भी छोड़ी मिल्कीपुर विधानसभा सीट
अखिलेश के साथ फैजाबाद से नवनिर्वाचित पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद ने भी मिल्कीपुर सीट से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अवधेश प्रसाद ने कहा, ‘हम समाजवादी पार्टी और PDA की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे, इस देश और प्रदेश में कल्याणकारी सरकार बनाने का प्रयास किया जाएगा, हमारी सरकार बनेगी। जब 2027 के चुनाव होगा, तब भाजपा का पूरा सफाया हो जाएगा। हमारी शक्ति बढ़ी है, आज हमारी 37 सीटें हैं, लेकिन यदि वोटों में छेड़खानी न हुई होती तो हमें 50-55 सीटें मिलतीं। अखिलेश यादव के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।’
नेता प्रतिपक्ष के पद पर अब सबकी निगाहें
अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष के पद पर सपा की ओर से इंद्रजीत सरोज, राम अचल राजभर, कमालस अख्तर और शिवपाल सिंह यादव का नाम मुख्य तौर पर सामने आया।