गौतमबुद्ध नगर, 5 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में “सबक” (सपा-बसपा-कांग्रेस) सिंडिकेट के दशकों की खता को, चुनावी लम्हों में “सबक” सिखाने का वक्त है।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के हल्दौनी में “जन चौपाल” में लोगों से संवाद करते हुए कहा कि “सबक सिंडिकेट” ने पिछले 75 वर्षों में 60 वर्षों से ज्यादा समय अपने शासन में उत्तर प्रदेश के विकास से विश्वासघात किया है। “बेहतरीन राज्य” को “बीमारू राज्य” बना दिया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा के स्वर्गीय कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और अब योगी आदित्यनाथ के शासन काल को उत्तर प्रदेश के विकास के स्वर्णिम समय के रूप में देखा गया है। जहाँ एक तरफ भाजपा के शासनकाल में उत्तर प्रदेश को “बीमारू राज्य” से बाहर निकाला गया, वहीं बलवाइयों, बाहुबलियों और बेईमानों की बीमारी का भी बंटाधार किया।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि छद्म धर्मनिरपेक्षता और तुष्टीकरण के राजनैतिक छल को भाजपा ने समावेशी विकास के बल से ध्वस्त किया है। इसी का प्रमाण है कि आज “एमवाई (मोदी-योगी) फैक्टर’’ मतलब समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण है, जबकि कभी यही “एमवाई फैक्टर” सांप्रदायिकता और संकीर्णता का प्रतीक बन गया था।
उन्होंने कहा कि “कपट और करप्शन की विरासत” और “दंगों और दबंगों की सियासत” पर मोदी और योगी युग ने विराम लगा दिया है। ऐसे लोग फिर “सबक सिंडिकेट सियासी सवारी” पर सवार हो कर उत्तर प्रदेश की सुरक्षा, समृद्धि, सुशासन को बंधक बनाना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि मोदी-योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में कानून व्यवस्था, बेहतर सड़क एवं अन्य जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, उद्योग-धंधे, स्वास्थ्य के क्षेत्र में रिकॉर्ड काम किये हैं।
- कोरोना महामारी की चुनौतियों से राज्य मजबूती से लड़ा है।
करोड़ों लोगों का टीकाकरण हुआ है। जहां 2017 से पहले सिर्फ 15 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं अब इनकी संख्या 59 हो गई है। 2017 से पहले राज्य में दो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे थे वहीं अब पांच अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं। मेट्रो रेल की सुविधा जो 2017 से पहले सिर्फ दो शहरों में थी अब पांच शहरों में हैं और पांच अन्य शहरों में मेट्रो रेल का काम जारी है। इन सब विकास कार्यों का समाज के सभी वर्गों को समान लाभ हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहाँ 2017 से पहले राज्य में कोई एम्स अस्पताल नहीं था, वहीं अब रायबरेली एवं गोरखपुर में एम्स स्थापित किये गए हैं। जहाँ 2012 से 2017 के बीच गन्ना किसानों को 95 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया गया, वहीं 2017 के बाद से अभी तक रिकॉर्ड एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया है। राज्य के गांवों में भी 24 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। दो करोड़ 55 लाख से ज्यादा किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिया गया है। छह करोड़ 50 लाख से ज्यादा जरूरतमंदों को निशुल्क चिकित्सीय सुविधा दी गई है।