नई दिल्ली, 13 दिसंबर। दक्षिण अफ्रीका से दुनिया के अन्य देशों में लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का पता लगाने वाले दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भारत में यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है और इससे निबटन के लिए सरकार को अभी से तैयारी रखनी होगी।
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका पता लगा था, जो अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, ब्राजील और चीन समेत कई बड़े देशों में पहुंच चुका है। ओमिक्रॉन के 30 से ज्यादा म्यूटेशन इसके फैलने की रफ्तार को तेज कर रहे हैं और भारत जैसे घनी आबादी वाले देश के लिए विशेषज्ञ इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं।
हॉस्पिटल प्लानिंग से जुड़े मामलों के लिए तैयार रहना होगा
दक्षिण अफ्रीकी डीएसआईर-एनआरएफ सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन एपिडेमायोलॉजिकल मॉडलिंग एंड एनालिसिस (एसएसीईएमए) की डायरेक्टर जूलियट पुलियम ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन के खतरों से निबटने के लिए भारत में हॉस्पिटल प्लानिंग से जुड़े मामलों के लिए तैयार रहना समझदारी भरा कदम होगा।
पहले संक्रमित हो चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा ओमिक्रॉन
जूलियट पुलियम ने एक इंटरव्यू में कहा कि ओमिक्रॉन पहले संक्रमित हो चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। इसका ट्रांसमिशन रेट पिछले सभी वैरिएंट से बहुत ज्यादा है। शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि पूरी तरह से वैक्सिनेट हो चुके लोग भी नए वैरिएंट से नहीं बच पा रहे हैं।
पुलियम ने कहा कि ओमिक्रॉन इंफेक्शन के जो हालात पहले दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिले थे, अब वो दुनियाभर के कई देशों में दिखने लगे हैं। वह मानती हैं कि भारत में ओमिक्रॉन का संक्रमण बहुत ज्यादा तेजी से फैलेगा, जहां डेल्टा वैरिएंट के कारण आई दूसरी लहर में भी बदतर हालात देखने को मिले थे।
ओमिक्रॉन से बच्चों को भी खतरा
पुलियम ने कहा कि भारत में अब तक बच्चों के लिए वैक्सिनेशन प्रोग्राम शुरू नहीं किया गया है। सुरक्षित रहने के लिए बच्चों को वैक्सीन लगवाना एक अच्छा आइडिया साबित हो सकता है। भारत अब तक बूस्टर डोज या खराब इम्यून वालों को अतिरिक्त डोज देने पर भी फैसला नहीं कर पाया है। ये वायरस तेजी से फैल रहा है, इसलिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए इतना समय नहीं लगना चाहिए।