नई दिल्ली, 14 नवम्बर। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरभ गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग की खुलकर तारीफ की है, जिन्हें 24 घंटे पूर्व ही खेल में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। गांगुली ने सहवाग के लिए एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी की कला को पूरी तरह से बदलने का श्रेय दिया।
उल्लेखनीय है कि 45 वर्षीय सहवाग ने 2011 में घरेलू मैदान पर भारत के विश्व कप विजेता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सहवाग ने अपने 14 वर्षों के शानदार क्रिकेट करिअर के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 17,000 से अधिक रन बनाए। उन्होंने बल्लेबाजी के प्रति अपने ट्रेडमार्क विस्फोटक दृष्टिकोण के माध्यम से टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका ही बदल ही बदल दी थी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष पद भी संभाल चुके सौरभ ने सहवाग की इसी खासियत पर जोर देते हुए कहा कि दिल्ली के इस बल्लेबाज ने ऐसा उस समय किया, जब विश्वस्तरीय गेंदबाजों की मौजूदगी में खेल काफी मजबूत था। गौरतलब है कि सहवाग, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना इडुल्जी और पूर्व श्रीलंकाई दिग्गज अरविंद डीसिल्वा को सोमवार को आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
आईसीसी ने साझा किया सौरभ का पत्र
गांगुली ने सहवाग की सराहना करते हुए जो पत्र लिखा है, उसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी साझा किया है। पत्र में पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘जो चीज आपको विशेष बनाती है, वह आपकी बल्लेबाजी का तरीका है। आपने टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष क्रम बल्लेबाजी का आयाम बदल डाला। तब यह अलग युग था। 2000 के दशक की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट दुनियाभर में स्तरीय खिलाड़ियों की मौजूदगी में काफी मजबूत थी, लेकिन आपने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी की कला को पूरी तरह से बदल दिया।’
‘श्रीलंका के खिलाफ 293 रनों की पारी, फिर मुल्तान में तिहरा शतक‘
गांगुली ने कहा, ‘जो पारी इसे साबित करती है, वह आपके श्रीलंका के खिलाफ 2009 में बनाए 293 रन हैं। टेस्ट क्रिकेट में एक दिन में इतने रन बनाना और वह भी उस आक्रमण के खिलाफ, जिसमें मुथैया मुरलीधरन शामिल हो, यह दर्शाता है कि आप क्या करने में सक्षम हो। आपने विभिन्न प्रारूपों में खेलने का लुत्फ उठाया। आप एकदिवसीय क्रिकेट में अच्छे थे। लेकिन मुझे लगता है कि आप टेस्ट क्रिकेट में और बेहतर थे। आप इसे सभी परिस्थितियों में कर सकते थे और मुल्तान में आपका तिहरा शतक मेरी पसंदीदा पारियों में से एक है। आपने 200 तक पहुंचने के लिए छक्का मारा और फिर 300 तक पहुंचने के लिए भी वैसा ही किया – और आपने हमें बताया था कि आप ऐसा करने जा रहे हैं।’
सुनील गावस्कर के बाद संभवत: सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज
सौरभ ने कहा कि आईसीसी ने हॉल ऑफ फेम में शामिल करने के लिए बिलकुल सही व्यक्ति को चुना है। उन्होंने टीम के अपने पूर्व साथी को दिग्गज क्रिकेटर और सुनील गावस्कर के बाद संभवत: सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज करार दिया। पूर्व भारतीय कप्तान ने याद किया कि शुरुआत में विफल रहने के बाद सहवाग ने कैसे भारतीय टीम में मजबूत वापसी की।
मध्यक्रम में विफलता के बाद शीर्ष क्रम में वीरू ने मजबूत वापसी की थी
गांगुली ने कहा, ‘जब आपने टीम में वापसी की तो आप मध्यक्रम के बल्लेबाज थे। आपने कभी सलामी बल्लेबाज नहीं थे, लेकिन यह जल्द ही बदलने वाला था। हमने आपको यह जिम्मेदारी इसलिए दी कि हम मध्यक्रम में आपके लिए जगह नहीं बना सके और साथ ही हम जानते थे कि आपकी क्षमता वाला खिलाड़ी बेंच पर बैठा नहीं रह सकता। मुझे याद है जब मैंने आपसे कहा था कि आपको पारी की शुरुआत करने की कोशिश करनी चाहिए तो आप अनिश्चित थे क्योंकि आपने ऐसा कभी नहीं किया था। मेरा मानना है कि कोई भी किसी विशेष स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए पैदा नहीं हुआ है और आप अपने पास मौजूद प्रतिभा के कारण ऐसा कर सकते थे।’
गौरतलब है कि प्रशंसकों के बीच वीरू के नाम से लोकप्रिय आक्रामक सलामी बल्लेबाज सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट, 251 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले और वह 2011 एकदिवसीय विश्व कप तथा 2007 टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे।