नई दिल्ली, 10 जुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट के प्रसार, प्रतिबंधों में ढील और टीकाकरण की धीमी गति के कारण दुनिया के अधिकतर क्षेत्रों में कोविड-19 के मामल फिर तेजी से बढ़ रहे हैं।
बीते 24 घंटे के दौरान लगभग 5 लाख नए संक्रमित
सौम्या स्वामीनाथन ने अमेरिकी मीडिया कम्पनी ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि डब्ल्यूएचओ के छह क्षेत्रों में से पांच में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं अफ्रीका में मृत्यु दर पिछले दो हफ्तों में 30-40 प्रतिशत तक बढ़ गई है। पिछले 24 घंटे में लगभग पांच लाख नए मामले सामने आए हैं और लगभग 9,300 मौतें हुई हैं। ऐसे में अब यह नहीं कहा जा सकता कि महामारी का प्रकोप कम हो रहा है।
स्वामीनाथन ने गिनाए वायरस के प्रसार के 4 प्रमुख कारण
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक ने वायरस के प्रसार के चार प्रमुख कारणों को सूचीबद्ध किया है। उनमें डेल्टा वैरिएंट का प्रसार, लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील और टीकाकरण की धीमी गति प्रमुख हैं।
डेल्टा वैरिएंट का शिकार एक व्यक्ति 8 लोगों को कर सकता हैं संक्रमित
स्वामीनाथन ने कहा कि तेजी से फैलने वाला डेल्टा वैरिएंट निश्चित रूप से अब तक का सबसे खतरनाक वैरिएंट है और संक्रमणों में वृद्धि के पीछे यही मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि अगर मूल वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति तीन लोगों को संक्रमित कर सकता है तो डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति करीब आठ लोगों को संक्रमित कर सकता है।
घरों से बाहर निकलना तीसरी लहर का बड़ा कारण बनेगा
उन्होंने यह भी कहा कि लोग महामारी की थकान या मजबूरी से अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। यह तीसरी लहर का बड़ा कारण बन सकता है।
स्वामीनाथन ने कहा कि जहां कुछ देशों में टीकाकरण का स्तर गंभीर कोविड -19 मामलों और अस्पताल में भर्ती होने को कम कर रहा है, वहीं दुनिया के कुछ हिस्से अब भी ऑक्सीजन की कमी, अस्पताल में बिस्तरों की कमी और उच्च मृत्यु दर का सामना कर रहे हैं। इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता कि कोरोना अब थम गया है।
गौरतलब है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के चलते ही भारत में कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर आई थी। कोविड-19 का यह वेरिएंट पहली बार भारत में ही मिला था। इसी से भारत में कोरोना के दौरान सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं।
काफी तेजी से फैलता है डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण
वैज्ञानिकों की मानें तो डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण काफी तेजी से फैलता है। साथ ही ऐसे मरीजों में कोरोना के गंभीर लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इस वक्त ब्रिटेन और इजराइल में इसी वैरिएंट के चलते कोरोना के नए मामलों में तेजी से वृदधि हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक इजराइल में कोरोना के 90 फीसदी केस इसी वैरिएंट के हैं। यह स्थिति तब है, जब वहां 50 फीसदी लोग वैक्सीन की डोज ले चुके हैं।