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कांग्रेस को बड़ा झटका : सोनिया गांधी के करीबी राज्यसभा सदस्य अश्विनी कुमार का पार्टी से इस्तीफा

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नई दिल्ली, 15 फरवरी। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा, जब पंजाब से राज्यसभा सांसद और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में शुमार किए जाने वाले पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

हाईकमान को प्रेषित पत्र में लिखा – अपने सम्मान के लिए दे रहा हूं इस्तीफा

सोनिया गांधी को प्रेषित इस्तीफे में अश्विनी कुमार ने कहा है कि वह पार्टी के बाहर रहकर समाज की अब ज्यादा सेवा कर पाएंगे। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मौजूदा परिस्थिति में और अपने सम्मान के मद्देनजर वह इस्तीफा दे रहे हैं। उनके पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वह पब्लिक लाइफ में सक्रिय रहने वाले हैं। लेकिन आगे उनका प्लान क्या है, इस पर कुछ खास नहीं कहा है।

निर्णय दर्दनाक था, लेकिन कांग्रेस अब राष्ट्रीय आकांक्षाओं का मुखपत्र नहीं रह गई

वस्तुतः अश्विनी कुमार पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के पहले वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री हैं, जिन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस छोड़ी। कुमार ने कहा कि कांग्रेस अब राष्ट्रीय मनोदशा को नहीं दर्शाती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का निर्णय दर्दनाक था, लेकिन तर्क दिया कि पार्टी राष्ट्रीय आकांक्षाओं का मुखपत्र नहीं रह गई है और राष्ट्र के लिए परिवर्तनकारी नेतृत्व का वादा नहीं करती।

कांग्रेस को वास्तव में सामूहिक नेतृत्व संरचना को अस्तित्व में लाने की सख्त जरूरत

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के फैसले की मुहर अब प्रमुख नहीं है और तर्क दिया कि कांग्रेस को वास्तव में सामूहिक नेतृत्व संरचना को अस्तित्व में लाने की सख्त जरूरत है, जिसमें वरिष्ठता और योग्यता को उचित सम्मान दिया जाएगा और बड़ों को उनकी गरिमा से वंचित नहीं किया जाएगा।

स्वतंत्रता सेनानियों के पदचिह्नों पर चलकर लोगों की भलाई के लिए कुछ करना चाहते हैं

अश्विनी कुमार ने अपने राजनीतिक सफर को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि पार्टी में 46 वर्ष उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ काम किया है। उनकी मानें तो अब वह अपने स्वतंत्रता सेनानियों के पदचिह्नों पर चलना चाहते हैं और लोगों की भलाई के लिए कुछ करना चाहते हैं। चिट्ठी के अंत में उनकी तरफ से सोनिया गांधी के अच्छे स्वास्थ्य की बात कही गई है।

देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी से एक और दिग्गज का जाना बड़ा झटका माना जा रहा है। हाल ही में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने कहा था कि अब पुरानी वाली कांग्रेस नहीं रही है। उनके बाद अश्विनी कुमार ने सम्मान की बात कहकर इस्तीफा दिया है।

कई मौकों पर पार्टी हाईकमान का खुलकर बचाव करते रहे

सच पूछें तो अश्विनी कुमार हमेशा से सोनिया गांधी के करीबी माने गए हैं। कई मौकों पर उन्होंने कांग्रेस हाईकमान का बचाव भी किया है। जब जी 23 की वजह से पार्टी में अंदरूनी लड़ाई तेज हो गई थी, तब भी अश्विनी कुमार ने हाईकमान का खुलकर बचाव किया था। हालांकि उन्होंने किसी दूसरी पार्टी में जाने की बात तो नहीं की, लेकिन मना भी नहीं किया है और इसी कारण अटकलों का दौर जारी है।

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