लखनऊ, 3 जनवरी। उत्तर प्रदेश एसआईटी ने लखीमपुर हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 5000 पन्ने की चार्जशीट में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्र ‘मोनू’ को मुख्य आरोपित बनाया गया है, जो घटनास्थल पर ही मौजूद था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एसआईटी लोहे के बक्से में पांच हजार पृष्ठ पन्ने की चार्जशीट लेकर लखनऊ कोर्ट पहुंची। चार्जशीट में पुलिस ने आशीष मिश्र के एक अन्य रिश्तेदार को भी आरोपित बनाया गया है, जिसपर वीरेंद्र शुक्ल पर सबूत छिपाने के आरोप लगे हैं।
आशीष मिश्र की थार जीप के पीछे चल रही दो गाड़ियों में से एक वीरेंद्र की स्कॉर्पियो थी। पहले शुक्ल ने अपनी स्कॉर्पियो छिपाकर दूसरे की गाड़ी के बारे में जानकारी दी थी।
आशीष सहित सभी 13 आरोपित जेल में बंद, चार्जशीट में वीरेंद्र का नाम जोड़ा गया
इस मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्र समेत सभी 13 आरोपित जेल में बंद हैं। पुलिस ने चार्जशीट में एक नया नाम वीरेंद्र शुक्ल बढ़ाया है। वीरेंद्र पर धारा 201 के तहत सबूत मिटाने की साजिश का आरोप है।
पिछले वर्ष 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए थे 8 लोग
गौरतलब है कि गत वर्ष तीन अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। आरोप लगाया गया कि कि अजय मिश्र के बेटे आशीष ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी।
हाल ही में इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें जांच अधिकारी ने कहा था कि लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा हादसा या गैर इरादतन की गई हत्या नहीं, बल्कि हथियारों से लैस होकर गंभीर साजिश के साथ किए गए हत्या के प्रयास की सुनियोजित घटना है। कोर्ट ने जांच अधिकारी की मांग पर आशीष मिश्र के खिलाफ और कड़ी धाराएं लगाई हैं। इसके बाद विपक्ष ने सड़क से लेकर संसद तक जमकर हंगामा किया था और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग की थी।