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बिहार : ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में मिले ठोस सबूत, सीबीआई डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को कर सकती है गिरफ्तार

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पटना, 25 अगस्त। बिहार के 14 वर्ष पुराने चर्चित ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को तेजस्वी के खिलाफ ‘दमदार सबूत’ मिले हैं। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि तेजस्वी को जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है।

तेजस्वी यादव के खिलाफ मिले सबूत ‘काफी मजबूत

बताया जा रहा है कि सीबीआई उम्मीदवारों की जानकारी जुटाने के लिए रेलवे को पत्र लिख सकती है। सूत्रों ने बताया कि जांच के अगले चरण में एजेंसी रेलवे कर्मचारियों के गलत कामों को भी देखेगी और किसी मौके पर तेजस्वी यादव को भी गिरफ्तार किया जा सकता है, क्योंकि उनके खिलाफ मिले सबूत ‘काफी मजबूत’ है।

लालू परिवार ने पटना में अधिग्रहित की थी 1.05 लाख स्क्वायर फीट जमीन

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाए हैं कि पटना के रहने वाले उन उम्मीदवारों ने अपने या परिवार के सदस्यों के जरिए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के पक्ष में पटना स्थित जमीन बेच दी या गिफ्ट दे दी। प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि जांच में पता चला है कि लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों की तरफ से पटना स्थित एक लाख पांच हजार 292 स्क्वायर फीट जमीन अधिग्रहित की गई थी।

सीबीआई को हाथ लगी हार्ड डिस्क में 1,458 उम्मीदवारों की सूची

उपलब्ध जानकारी के अनुसार जमीन हस्तांतरण के अधिकतर मामलों में भुगतान नकदी में दिखाया गया था। मौजूदा सर्किल रेट के अनुसार, गिफ्ट डीड के जरिए अधिग्रहित की गई भूमि समेत मौजूद जमीन के हिस्सों की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपये है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जांच एजेंसी के पास एक हार्ड डिस्क है, जिसमें 1,458 उम्मीदवारों की सूची है।

सूत्रों ने कहा कि इन उम्मीदवारों ने कथित तौर पर नौकरी के बदले यादवों को अपनी जमीन दी थी। सूची लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी ने तैयार की थी। बीते महीने सीबीआई ने रेड के दौरान डिस्क जब्त की थी, जिसके बाद यह खुलासा हुआ था। सूत्रों के मुताबिक इन 1,458 मामले में से 16 का सत्यापन हो चुका है और अब तक सीबीआई की जांच में यह सही साबित हुई है। इन उम्मीदवारों की जानकारी जुटाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी जल्दी रेलवे को पत्र लिख सकती है।

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