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सोशल मीडिया मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp ने भारत छोड़ने की धमकी, दिल्ली हाई कोर्ट में एक केस पर जताई नाराजगी

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नई दिल्ली, 26 अप्रैल। लोकप्रिय सोशल मीडिया मैसिजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp अपने एक फीचर को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के चक्कर में फंसा हुआ है। दरअसल, WhatsApp को संचालित करने वाली अमेरिकी कम्पनी Meta को एंड-टू-एड एन्क्रिप्शन फीचर बंद करने की बात पर जोर दिया गया है। इस पर कम्पनी ने नाराजगी जाहिर की है और दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि यदि उसे मैसेज एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो मैसेजिंग प्लेटफॉर्म भारत में प्रभावी रूप से बंद हो जाएगा।

ये है मामला

ह्वाट्सएप ने कहा कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन यूजर की प्राइवेसी की सुरक्षा करता है कि सिर्फ सेंडर और रिसीवर ही संदेश को एक्सेस सकते हैं। कम्पनी की ओर से पेश तेजस करिया ने दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच से कहा, ‘यदि हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो ह्वाट्सएप देश से चला जाएगा।’ करिया ने कहा कि लोग ह्वाट्सएप का उपयोग इसके द्वारा दी जाने वाली प्राइवेसी सुविधाओं के कारण करते हैं।

भारत में WhatsApp के 40 करोड़ यूजर्स

दरअसल, भारत इस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए सबसे बड़ा बाजार बनाता है। भारत में WhatsApp के 40 करोड़ यूजर्स हैं, जो मैसेजिंग ऐप के तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं। कम्पनी अपने कस्टमर्स के लिए आए दिन बहुत से खास फीचर्स लाती रहती है, जो यूजर्स को बेहतर एक्सपीरियंस देनें में मदद करता है।

एंड-टू-एड एन्क्रिप्शन को बंद करने पर क्यों जोर दे रहा भारत

दरअसल, केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2021 को इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) रूल्स, 2021 का एलान किया था। इसमें कहा गया है कि ट्विटर (अब एक्स), फेसबुक, इंस्टाग्राम और ह्वाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को नए नियमों को मानना होगा। इसमें कहा गया कि कम्पनियों को प्राइवेसी पॉलिसी का ध्यान रखना होगा। साथ ही ऐसे प्रयास करने होंगे, जिनके जरिए यूजर्स प्रतिबंधित कंटेट को न तो बना पाएं और न ही अपलोड कर पाएं।