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अमरनाथ यात्रा : अब तक 33 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण

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जम्मू, 17 अप्रैल। कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से सांकेतिक रूप से आयोजित की जाती रही अमरनाथ तीर्थयात्रा को लेकर इस बार जबर्दस्त उत्साह है और अब तक 33,000 से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण करा लिया है। आगामी 30 जून से प्रस्तावित 43 दिवसीय यात्रा के लिए श्रद्धालु निर्धारित बैंक शाखाओं से परमिट पाने की कवायद में जुटे हैं।

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नीतीश्वर कुमार ने रविवार को बताया कि यात्रा के लिए शनिवार तक 33,795 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। तीर्थयात्रा के लिए व्यवस्था की निजी रूप से निगरानी कर रहे कुमार ने कहा कि 22,229 श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन माध्यम से तथा 11,566 ने ऑफलाइन माध्यम (बैंकों) से पंजीकरण कराया है।

तीर्थयात्रियों की निगरानी के लिए इस बार आरएफआईडी प्रणाली शुरू होगी

जम्मू-कश्मीर सरकार इस वर्ष तीर्थयात्रियों के कुशलक्षेम के लिए रास्ते में उनकी गतिविधि पर नजर रखने के वास्ते ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आरएफआईडी) प्रणाली भी शुरू कर रही है।

पंजीकरण के लिए देशभर में बैंक 566 शाखाएं निर्धारित

वार्षिक तीर्थयात्रा का प्रबंधन करने वाले एसएएसबी ने तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए देशभर में बैंक 566 शाखाओं को निर्धारित किया है। इसके साथ ही इसकी वेबसाइट पर भी पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है। एसएएसबी के अनुसार, 13 वर्ष से कम या 75 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति और छह सप्ताह से अधिक की गर्भवती महिलाएं पंजीकरण की पात्र नहीं हैं।

अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों को एक आवेदन, एसएएसबी द्वारा चयनित अस्पतालों से अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र, चार फोटो और 120 रुपये का शुल्क देना होगा। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने पिछले साल यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था, लेकिन यात्रा नहीं कर पाए थे, उन्हें केवल 20 रुपये का शुल्क देना होगा। पंजीकरण और यात्रा परमिट ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोक दी गई थी जबकि कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो वर्षों के दौरान केवल सांकेतिक यात्रा हुई है।

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