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असम : बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 14 लोगों की मौत, रेल की पटरियों पर गुजर रही जिंदगी

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गुवाहाटी, 21 मई। पूर्वोत्तर राज्य असम में मूसलाधार बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य के 29 जिलों के 7.12 लाख लोग बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं और आम जन-जवीन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ और भूस्खलन से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकडों लोगों ने रेल पटरियों के किनारे शरण ले रखी है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, नगांव में 3.36 लाख से अधिक, कछार में 1.66 लाख, होजई में 1.11 लाख और दरांग में 52,709 लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, 20 मई को कछार, लखीमपुर और नगांव जिले में बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही बाढ़ से कुल नौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 5 लोग जान गवां चुके हैं।

खेती-किसानी को भारी नुकसान

राज्य में बाढ़ से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। कुल 80,036.90 हेक्टेयर खेती की जमीन तबाह हो गई है। वहीं, राज्य 2,251 गांव अब भी जलमग्न हैं।

दो गांवों के 500 लोगों ने रेल पटरियों पर ले रखी है शरण

असम के जमुनामुख जिले में दो गांव पूरी तरह से पानी में समा गए हैं। यहां सिर्फ रेल पटरियां ही बाढ़ के प्रकोप से बची हुई हैं। चंगजुराई और पटिया पाथर गांव छह दिन पहले बाढ़ के पानी में समा गए। जान बचाने के लिए इन दोनों गांवों के लगभग 500 लोगों ने रेल की पटरियों पर शरण ली, जो ऊंची जगह पर बनाई गई हैं। यहीं पर बारिश के बीच में लोग तिरपाल लगाकर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इनका आरोप है कि अभी तक इनको सरकार की ओर से कोई सहायता भी नहीं मिली है।

राहत-बचाव कार्य में जुटीं वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें

इस बीच बाढ़ में फंसे लोगों की मदद को वायुसेना 15 मई से लगातार काम कर रही है। 15 मई को वायुसेना के Mi-17 हेलीकॉप्टरों ने डिटोकचेरा रेलवे स्टेशन पर फंसे 119 यात्रियों को निकाला था, तब से आईएएफ ने बाढ़ प्रभावित इलाके हाफलोंग में आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने और 454 नागरिकों को निकालने के लिए एक An-32 विमान, दो Mi-17 हेलीकॉप्टर, एक चिनूक हेलीकॉप्टर और एक ALH ध्रुव को तैनात किया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात की गई हैं।

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