नई दिल्ली, 19 अप्रैल। उत्तर पूर्वी जिले में मुस्तफाबाद इलाके के दयालपुर में शनिवार तड़के चार मंजिला इमारत ध्वस्त होने से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई अन्य घायल हैं, जिनमें 11 की हालत गंभीर है। दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मलबे से लोगों को निकालने में लगी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चार मंजिला बिल्डिंग में दो मंजिल पर मकान मालिक तहसीन अपने परिवार के साथ रहते थे जबकि दो मंजिल पर किराएदार रहते थे। पूरी इमारत में करीब 20 से 25 लोग रहते थे। तड़के करीब तीन बजे अचानक बिल्डिंग भरभराकर गिर गई, जिससे सभी लोग दब गए।
मलबे में दबे 22 लोगों को अब तक बाहर निकाला जा चुका है, जिसमें से 11 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है जबकि 11 लोग घायल हैं, जिन्हें जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से ज्यादातर की हालत गंभीर बनी हुई है।
डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने बताया, ‘हमें तड़के करीब 2:50 बजे एक मकान ढहने की सूचना मिली थी। हम मौके पर पहुंचे और पाया कि पूरी इमारत ढह गई है और हमें लोगों के मलबे में फंसे होने की सूचना मिली। NDRF, दिल्ली अग्निशमन सेवा लोगों को बचाने के लिए काम कर रही है।
डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट घटनास्थल पर पहुंचे
मुस्तफाबाद इलाके में इमारत गिरने की घटना की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र के विधायक व दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे। उन्होंने राहत बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बिल्डिंग बायोलॉज का उल्लंघन कर बनाए गए इमारत को लेकर निगम के कमिश्नर को आगाह किया था। इसके बावजूद कोई काररवाई नहीं हुई।
नियमों की अनदेखी की वजह से हो रहे हादसे
उन्होंने कहा कि नियमों को ताख पर रखकर 25 -30 मीटर के प्लॉट पर 5 से 6 मंजिला बिल्डिंग बन रही है। बिजली विभाग भी उसमें मीटर लगा रहा है। कोई इसे रोकने रोकने वाला नहीं है, जिसकी वजह से यह हादसे हो रहे हैं। इस हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम और बिजली विभाग भी जिम्मेदार है।

