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प्रयागराज : एसआईटी ने दोहराया क्राइम सीन, अतीक-अशरफ को गोली लगते ही भाग खड़ हुए पुलिसकर्मी

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प्रयागराज, 20 अप्रैल। अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने गुरुवार को वारदात का सीन रिक्रिएशन किया। वारदात स्थल काल्विन अस्पताल के बाहर एसआईटी के साथ फोरेंसिक विभाग की टीम भी पहुंची। नकली अतीक-अशरफ, नकली आरोपितों और नकली मीडियाकर्मियों के बीच असली पुलिस वालों ने एसआईटी के आदेश पर रिक्रिएशन किया।

सीन रिक्रिएशन के दौरान असली पुलिस वालों की असलियत सामने आती दिखाई दी है। गोली चलते ही वे भागते दिखे। जिन पुलिस वालों का काम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अतीक-अशरफ को सुरक्षा देना था, वे ही सबसे पहले भागे। अतीक-अशरफ की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों की संख्या अब तक जितनी बताई जा रही थी, उससे कम दिखाई दी। इस दौरान केवल 10 पुलिस वाले अतीक और अशरफ के आसपास दिखे।

सीन रिक्रिएशन के दौरान ये सब हुआ

घटना का दृश्य दोहराए जाने के क्रम में सबसे पहले एसआईटी और फोरेंसिक विभाग की टीमें अस्पताल पहुंचीं और मीडियाकर्मी बने लोगों को समझाया गया कि कहां पर क्या करना है। अस्पताल के बाहर ही पुलिस की जीप से अतीक-अशरफ की तरह कुर्ता पैजामा और साफा पहने दो लोगों को लाया गया। जीप अस्पताल में आ सकती थी, लेकिन उस दिन की तरह बाहर ही जीप रोकी गई।

अतीक-अशरफ को पैदल अस्पताल के गेट के अंदर लाया गया। इस दौरान मीडियाकर्मी बने युवक अतीक-अशरफ से सवाल पूछने की कोशिश करते हैं। तभी एक शूटर अतीक को गोली मारता है। अतीक को गोली लगते ही आसपास खड़े पुलिस वाले भागे खड़े होते हैं। ये वही पुलिस वाले हैं, जो उस दिन भी अतीक के साथ थे। इन्हें कुछ समझाने की जरूरत नहीं थी। इन्होंने वही किया, जो उस दिन किया था।

 

पुलिस वालों का रवैया इस दौरान किस तरह का रहा, यह साफ दिखा। किसी पुलिस वाले ने गोली चलाने की बात तो दूर अपनी तरफ से हथियार निकालने की कोशिश भी नहीं की। आरोपितों को किस तरह से पकड़ा गया, इसका भी सीन रिक्रिएट किया गया। इसमें कुछ कमियां भी दिखाई दीं तो दो बार टेक भी लिया गया।

सीन रिक्रिएशन की जरूरत क्यों

सभी बड़े मामलों में सीन रिक्रिएशन कराया जाता रहा है। हालांकि यह भी सच्चाई है कि अगर पूरा मामला सीसीटीवी में कैद हो जाए तो सीन रिक्रिएशन की जरूरत नहीं होती है। काल्विन अस्पताल परिसर में भी सीसीटीवी लगे हुए हैं। लेकिन अब तक इनकी एक भी फुटेज सामने नहीं आ सकी है। वहां का सीसीटीवी खराब है या कुछ छिपाने की कोशिश हो रही है? इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

अतीक-अशरफ की हत्या के बाद से ही प्रयागराज का कोई भी अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहा है। यहां तक कि न तो किसी मामले में हां बोल रहा है और न ही ना में जवाब दे रहा है। कोई भी बयान केवल लखनऊ से ही जारी हो रहा है। पुलिस कमिश्नरेट होने के बाद भी ऐसा पहली बार ही देखने को मिल रहा है।

अभी तक सुरक्षा में तैनात किसी पुलिस वाले पर काररवाई नहीं

इतने बड़े कांड के बाद भी अब तक अतीक और अशरफ की सुरक्षा में तैनात किसी पुलिसकर्मी पर कोई काररवाई नहीं हुई है। अतीक और अशरफ को धूमनगंज थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम लेकर पहुंची थी। वारदात के पांच दिन बाद बुधवार को शाहगंज के एसओ समेत पांच पुलिस वालों को सस्पेंड किया गया। इसके पीछे कारण बताया गया कि इनके इलाके में काल्विन अस्पताल पर वारदात हुई है।

शाहगंज इलाके में वारदात के कारण शाहगंज एसओ और पांच पुलिस वालों को सस्पेंड किया गया, लेकिन धूमनगंज इलाके में उमेश पाल की सनसनीखेज हत्या के बाद भी अब तक किसी पर काररवाई नहीं हुई है। वही धूमनगंज की ही पुलिस के सुरक्षा घेरे में अतीक और अशरफ की भी हत्या हो गई।

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