चंडीगढ़, 30 दिसम्बर। पंजाब पुलिस ने निकारागुआ जा रहे एक विमान को चार दिनों तक फ्रांस में रोके जाने के बाद वापस भारत भेजे जाने के मामले में संदिग्ध मानव तस्करी की जांच के लिए शनिवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
विमान में 70 फीसदी यात्री पंजाब के युवा थे
पंजाब के जांच ब्यूरो के निदेशक एल. के. यादव ने पंजाब से गए यात्रियों की जांच के लिए यह एसआईटी गठित की है। इसकी वजह यह है कि विमान में सवार 303 यात्रियों में 70 फीसदी यात्री पंजाब के थे, जिनमें अधिकतर की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच थी। अन्य यात्रियों में 25 फीसदी गुजरात और शेष देश के अन्य हिस्सों से थे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार चार सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व फिरोजपुर के पुलिस अधीक्षक (जांच) रणधीर कुमार करेंगे। अन्य तीन सदस्य सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी), सिविल लाइंस लुधियाना, जसरूप कौर बाथ, फिरोजपुर के पुलिस उपाधीक्षक (जांच) बलकार सिंह संधू और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) (मुख्यालय) पटियाला दलबीर सिंह सिद्धू हैं।
बयान में कहा गया, ‘एसआईटी को जल्द से जल्द सक्षम अदालत में अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। एसआईटी मामले की जांच में सहायता के लिए किसी अन्य अधिकारी, कर्मचारी को भी शामिल कर सकती है।’
उल्लेखनीय है कि निकारागुआ जाने वाले विमान को एयरबस ए340 को मानव तस्करी के संदेह में चार दिनों के लिए फ्रांस में रोका गया था और फिर भारत वापस भेज दिया गया। यह विमान 26 दिसम्बर की सुबह मुंबई में उतरा। मुंबई में आव्रजन अधिकारियों ने कुछ यात्रियों से पूछताछ की थी। किसी भी यात्री को हिरासत में नहीं लिया गया और उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति दे दी गई थी।
रोमानियाई कम्पनी द्वारा संचालित विमान निकारागुआ के लिए रवाना हुआ था। तकनीकी ठहराव के लिए 21 दिसम्बर को पेरिस के पास वैट्री में उतरने पर फ्रांस पुलिस ने इसे रोक लिया था। फ्रांस के अधिकारियों ने यात्रा की शर्तों और उद्देश्य की न्यायिक जांच शुरू की, जिसमें संगठित अपराध में विशेषज्ञता वाली एक इकाई संदिग्ध मानव तस्करी की जांच कर रही थी।