अहमदाबाद, 16 जुलाई। गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने स्थानीय सत्र न्यायलय में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया है कि 2002 के दंगों के बाद तीस्ता सीतलवाड़ ने कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के इशारे पर राज्य सरकार गिराने की साजिश रची और इसके लिए उन्हें अहमद पटेल से 30 लाख रुपये भी मिले।
गुजरात दंगों के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में गिरफ्तार हैं तीस्ता
गौरतलब है कि तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसी ने कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ जांच अब भी जारी है। ऐसे में वह यदि बाहर आती हैं तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं और गवाहों को डरा सकती हैं। मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीडी ठक्कर ने
एसआईटी ने सत्र अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा, ‘इस बड़ी साजिश को अंजाम देते हुए आवेदक (सीतलवाड़) का राजनीतिक उद्देश्य निर्वाचित सरकार को गिराना या अस्थिर करना था। उन्होंने निर्दोष व्यक्तियों को गलत तरीके से फंसाने के अपने प्रयासों के बदले प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल से अवैध वित्तीय और अन्य लाभ प्राप्त किए।’
उल्लेखनीय है कि इस मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में सीतलवाड़ के साथ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारियों आर. बी. श्रीकुमार और संजीव भट्ट को भी गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी ने अपने हलफनामे में यह भी दावा किया कि तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात दंगों के मामलों में भाजपा सरकार के वरिष्ठ नेताओं को फंसाने के लिए दिल्ली में उस समय सत्ताधारी एक प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं से मिलती थीं।