नई दिल्ली, 18 जनवरी। सिंगापुर सरकार में भारतीय मूल के मंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। 27 आरोपों का सामना कर रहे ईश्वरन ने अदालत में पेशी के दौरान खुद को निर्दोष बताया। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के दो आरोप लगे हैं। इसके अलावा न्याय में बाधा डालने का एक और लोक सेवक के रूप में अनुचित लाभ (receiving gratification) पाने के 24 आरोप लगे हैं। बता दें कि संसद में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री चान चुन सिंग ने नौ जनवरी को बताया था कि सीपीआईबी ईश्वरन के खिलाफ लगे आरोपों की जांच पूरी कर चुकी है।
- इस्तीफे के बाद किसे मिला पदभार
ईश्वरन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी से इस्तीफा देने वाले ईश्वरन से जुड़ी द स्ट्रेट्स टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, 61 वर्षीय राजनेता संसद की सदस्यता भी छोड़ेंगे। अदालत में पेशी से पहले 16 जनवरी को उन्होंने प्रधानमंत्री ली सीन लूंग को पत्र लिखा। इस त्याग पत्र में, ईश्वरन ने सीपीआईबी द्वारा उन पर लगाए गए विभिन्न अपराधों को खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि कार्यवाहक परिवहन मंत्री ची होंग टैट ईश्वरन की जगह लेंगे। उन्हें दूसरा वित्त मंत्री भी नियुक्त किया जाएगा।
- वेतन और भत्ता लौटाने का भी फैसला
17 जनवरी को ईश्वरन ने प्रधानमंत्री के पास एक और पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि वह जुलाई 2023 में सीपीआईबी जांच शुरू होने के बाद मिला वेतन और सांसद भत्ता वापस कर देंगे। ईश्वरन के मुताबिक उन्होंने परिवार के साथ चर्चा के बाद यह तय किया कि जांच के कारण वे मंत्री और सांसद के रूप में ड्यूटी पूरी नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अदालत से बरी होने के बावजूद वे बीते करीब पांच महीनों का वेतन और भत्ता वापस भी नहीं मांगेंगे।
- भारतवंशी मंत्री के इस्तीफे पर सिंगापुर के PM का बयान
ईश्वरन के पत्र का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात में ईश्वरन के पद छोड़ने पर वह निराश और दुखी हैं। उन्होंने कहा, उथल-पुथल के बीच यह जरूरी है कि सरकार और अदालत कानून के मुताबिक सख्ती से इस मामले से निपटे। यही सही होगा। प्रधानमंत्री ली ने पार्टी (पीएपी) और सरकार की अखंडता को बनाए रखने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर की जनता अखंडता के महत्व को समझती है, उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, ‘सिंगापुरवासियों को इससे कम की उम्मीद नहीं है।’