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BWF विश्व बैडमिंटन : सिंधु की छठे पदक की उम्मीद टूटी, ध्रुव- तनिषा की जोड़ी भी बाहर

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पेरिस, 29 अगस्त। दो बार की ओलम्पिक पदक विजेता व भारत की शीर्षस्थ महिला शटलर पीवी सिंधु का BWF विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में छठा पदक जीतने का सपना शुक्रवार को टूट गया, जब वह तीन गेमों तक खिंचे संघर्षपूर्ण क्वार्टर फाइनल मुकाबले में स्वयं से उच्च विश्व रैंकिंग वाली इंडोनेशियाई पुत्री कुसुमा वर्दानी के हाथों हार गईं। वहीं ध्रुव कपिला व तनिषा क्रास्टो की मिश्रित युगल जोड़ी भी अपनी उच्चवरीय प्रतिद्वंद्वी टीम से पार नहीं पा सकी।

64 मिनट के संघर्ष में इंडोनेशियाई कुसुमा से एक गेम ले सकीं सिंधु

वर्ष 2019 में बासेल विश्व चैम्पियनशिप की विजेता 15वीं सीड सिंधु की इस प्रतियोगिता में रिकॉर्ड छठे पोडियम स्थान पर पहुंचने की उम्मीद बलवती हो उठी थीं, जब उन्होंने 24 घंटे पूर्व शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व रैकिंग में दूसरे नंबर की चीनी स्टार वांग झी यी की चुनौती सीधे गेमों में तोड़ दी थी। लेकिन 30 वर्षीय भारतीय शटलर ‘फिनिशिंग लाइन’ पर लड़खड़ा गई और एडिडास एरेना के कोर्ट नंबर पर 64 मिनट तक खिंचे दिन के पांचवें मैच में नौवीं वरीयता प्राप्त वर्दानी ने 21-14,13-21, 21-16 से जीत हासिल कर ली।

उल्लेखनीय है कि हैदराबादी शटलर सिंधु ने 2013 में ग्वांग्झू में अपना पहला पदक जीता था। एक साल बाद उन्होंने कोपेनहेगन में एक और कांस्य पदक अपने नाम किया। फिर ग्लास्गो (2017) और नानजिंग (2018) में उपविजेता रहीं तथा 2019 में बासेल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था।

वैसे देखा जाए तो लगातार ओलम्पिक (रियो 2016 में रजत और टोक्यो 2020 में कांस्य) में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु 2022 राष्ट्रमंडल खेलों का खिताब जीतने के बाद से मुश्किल दौर से गुजर रही हैं। चोटों, रैंकिंग में गिरावट और लगातार कोचिंग बदलावों ने उनकी लय को बिगाड़ दिया है।

सिंधु से पांचवीं मुलाकात में वर्दानी ने 3-2 की बढ़त हासिल की

वर्दानी के खिलाफ इस मैच से पहले उनका रिकॉर्ड 2-2 की बराबरी पर था। सिंधु को अंक हासिल करने में काफी संघर्ष करना पड़ा। 23 वर्षीय इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने मुश्किल क्षणों में संयम दिखाया और सिंधु पर 3-2 का मैच रिकॉर्ड करने के साथ अपना पहला विश्व चैम्पियनशिप पदक पक्का किया।

वर्दानी ने शुरुआती गेम में एंगल और स्मैश का इस्तेमाल करके सिंधु पर दबाव बनाया। भारतीय खिलाड़ी की कई गलतियों के कारण इंडोनेशियाई खिलाड़ी ब्रेक तक 11-7 से आगे थीं। वर्दानी फिर 18-9 से आगे हो गईं क्योंकि सिंधु के शॉट बार-बार बाहर जाते रहे और मलेशियाई खिलाड़ी ने पहला गेम 21-14 से जीत लिया।

सिंधू ने दूसरे गेम में वापसी करते हुए नेट प्ले मजबूत किया और 4-2 से आगे हो गई। फिर ब्रेक के बाद वह 16-6 की बढ़त बनाए थीं और वर्दानी पिछड़ती जा रही थीं। सिंधु ने क्रॉस-कोर्ट पर धमाकेदार विनर लगाते हुए गेम 21-13 से जीतकर शानदार अंदाज में बराबरी हासिल की।

निर्णायक गेम में सिंधु 0-3 से पीछे थीं। लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए स्कोर 3-3 से बराबर किया। वर्दानी 5-4 से आगे हो गईं। इसके बाद 59 शॉट की एक रोमांचक रैली हुई, जिसमें सिंधु ने अंक हासिल किया। भारतीय खिलाड़ी ने 7-7 से स्कोर बराबर कर दिया। लेकिन इंडोनेशियाई खिलाड़ी ब्रेक तक दो अंक से आगे रहने में सफल रहीं। इसके बाद वर्दानी ने बढ़त 15-11 कर ली। सिंधु ने संघर्ष जारी रखा। पर वह अपनी गलतियों से गेम गंवा बैठीं।

विश्व नंबर 4 मलेशियाई जोड़ी ने कपिला-क्रास्टो को मात दी

इससे पहले कोर्ट नंबर दो पर खेले गए दिन के पहले मैच में ध्रुव कपिला व तनिषा क्रास्टो की भारतीय मिश्रित युगल जोड़ी चेन तांग जी व तोह ई वेई की मलेशियाई जोड़ी से सीधे गेमों में हारकर बाहर हो गई। इससे भारतीय जोड़ी के इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला मिश्रित युगल पदक जीतने की उम्मीद भी टूट गई। उन्हें दुनिया की चौथे नंबर की जोड़ी के हाथों 37 मिनट में 15-21, 13-21 से हार का सामना करना पड़ा। दुनिया की 17वें नंबर की भारतीय जोड़ी ने गुरुवार को हांगकांग की तांग चुन मान और त्से यिंग सुएट की पांचवें नंबर की जोड़ी को हराकर उलटफेर किया था।

सात्विक व चिराग पर टिकीं भारतीय पदक की उम्मीदें

भारत की पदक की उम्मीदें अब नौवें वरीय सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पर टिकी हैं। सेमीफाइनल में प्रवेश और उसके साथ पदक पक्का करने के लिए सात्विक व चिराग की कोर्ट नंबर एक पर दिन के 10वें व अंतिम मैच में भारतीय समयानुसार मध्यरात्रि के आसपास आरोन चिआ व सोह वूई यिक की ख्यातिनाम मलेशियाई जोड़ी से टक्कर होगी। हालांकि विश्व नंबर दो चिआ व यिक से अब तक 14 मुलाकातों में चिराग-सात्विक सिर्फ तीन मैच जीत सके हैं।

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