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सिक्किम सरकार का फैसला – दो या अधिक बच्चे वाले कर्मचारियों के वेतन में अग्रिम एवं अतिरिक्त वृद्धि होगी

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गंगटोक, 12 मई। सिक्किम में जातीय समुदायों की आबादी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस साल एक जनवरी से प्रभावी योजना के तहत राज्य सरकार ने दो या तीन बच्चों वाले अपने कर्मचारियों को अग्रिम एवं अतिरिक्त वेतन वृद्धि देने का फैसला किया है। राज्य सरकार की एक अधिसूचना के जरिए यह जानकारी दी गई।

कार्मिक विभाग के सचिव रिनजिंग चेवांग भूटिया ने 10 मई को जारी अधिसूचना में कहा कि सिक्किम विषय प्रमाण पत्र/पहचान प्रमाण पत्र प्राप्त राज्य सरकार के जिन कर्मचारियों के दो बच्चे हैं, उन्हें अग्रिम वेतन वृद्धि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों को तीन बच्चे हैं, वे एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि पाएंगे।

एक जनवरी, 2023 से प्रभावी होगी यह योजना

रिनजिंग चेवांग भूटिया ने कहा कि पति-पत्नी में से कोई भी आपसी समझ के तहत अग्रिम वेतन वृद्धि के लिए दावा कर सकता है। भूटिया ने कहा कि योजना एक जनवरी, 2023 से प्रभावी होगी और जिन कर्मचारियों के दूसरे या तीसरे बच्चे का जन्म एक जनवरी, 2023 के बाद हुआ है, वे भी इस योजना के पात्र होंगे। हालांकि इस योजना का लाभ दत्तक संतान ग्रहण के मामले में लागू नहीं होगा।

सिक्किम भारत का सबसे कम आबादी वाला राज्य

गौरतलब है कि लगभग सात लाख लोगों की आबादी वाला सिक्किम भारत का सबसे कम आबादी वाला राज्य है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने करीब चार महीने पहले राज्य में स्थानीय जातीय मूल के लोगों के बीच कम प्रजनन दर को दूर करने के लिए योजनाओं का वादा किया था, जिसके बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने वाली यह योजना सामने आई है।

तमांग ने इस साल जनवरी में गंगटोक में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘स्थानीय जातीय मूल की आबादी के बीच कम प्रजनन दर सिक्किम में गंभीर चिंता का विषय है। हमें इस प्रक्रिया को पलटने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।’

बच्चे पैदा करने के लिए राज्य सरकार ने लागू कर रखी है प्रोत्साहन योजना

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) सरकार घटती आबादी को रोकने के लिए तीन बच्चों वाले बड़े परिवारों को पालने के लिए स्थानीय लोगों को प्रोत्साहन देना चाहती है। सरकार पहले ही सर्विस में महिलाओं को 365 दिन का मातृत्व अवकाश और पुरुष कर्मचारियों को 30 दिन का पितृत्व अवकाश प्रदान कर चुकी है, ताकि उन्हें बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

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