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भारत व रूस के बीच 4 समझौतों पर हस्ताक्षर, रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता

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नई दिल्ली, 6 दिसंबर। प्रधानमंत्री पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार की शाम राष्ट्रीय राजधानी के हैदराबाद हाउस में आयोजित 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के पहले अपराह्न में दोनों देशों के बीच पहली टू प्‍लस टू मंत्रिस्तरीय शिखर बैठक हुई।

समझौतों में 6 लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल्स की खरीद का अनुबंध भी शामिल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने टू प्‍लस टू वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया और रूस का प्रतिनिधित्व वहां के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने किया। बैठक के बाद चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें छह लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल्स की खरीद का अनुबंध और 2021 से 2031 तक सैन्य तकनीकी सहयोग कार्यक्रम पर समझौता शामिल है।

खर्चों में कमी लाने और सम्‍बंधित अन्‍य परिप्रेक्ष्‍य में सार्थक आदान-प्रदान

डॉ. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान खर्चों में कमी लाने और सम्‍बंधित अन्‍य परिप्रेक्ष्‍य में सार्थक आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा था कि वे वैश्विक भू-राजनीतिक वातावरण में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर बैठक कर रहे हैं, जो विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद के परिवर्तन के दौर में महत्‍वपूर्ण है।

डॉ. जयशंकर बोले – दोनों देश शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए मिलकर काम कर रहे

डॉ. जयशंकर ने कहा कि निकटतम मित्र और रणनीतिक साझेदार के रूप में, भारत और रूस आपसी हितों की रक्षा करने और लोगों के लिए शांति, प्रगति और समृद्ध‍ि सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्‍तर पर सक्रिय विचार-विमर्श हुआ है और पिछले कई वर्षों से रक्षा क्षेत्र में भी सुदृढ़ भागीदार रहे हैं।

भारत और रूस रक्षा सहयोग में अभूतपूर्व प्रगति राजनाथ

बैठक के दौरान आरम्‍भिक सम्‍बोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का दिन द्वि‍पक्षीय सम्‍बंधों के लिए ऐतिहासिक है। उन्‍होंने कहा कि हाल ही में भारत और रूस रक्षा सहयोग में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की विकास आवश्‍यकताएं बहुत बड़ी हैं और इसकी रक्षा चुनौतियां उचित, वास्तविक और तात्‍कालिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे भागीदारों की आवश्‍यकता है जो इसकी जरूरतों और अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी हों।

इससे पहले विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ के साथ बैठक की। उन्‍होंने कहा कि भारत-रूस भागीदारी विशिष्‍ट और अद्वितीय हैं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु ने सैन्‍य और सैन्‍य सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी अयोग की 20वीं बैठक में हिस्‍सा लिया। राजनाथ ने भारत के लिए रूस के सुदृढ समर्थन की सराहना की और कहा कि दोनों देशों के बीच निकट सहयोग किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं है। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह सहयोग क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्‍थायि‍त्‍व लाएगा।