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पंजाब प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालते ही सिद्धू की हुंकार –पार्टी एकजुट, अब पंजाब जिताना ही मिशन

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चंडीगढ़, 23 जुलाई। अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस की अंदरूनी कलह पूरी तरह खत्म हो गई, यह तो स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता। फिलहाल शुक्रवार को सतही तौर पर विवाद थमता नजर आया, जब असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला और उस समारोह में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी उपस्थित रहे। हालांकि सिद्धू की ताजपोशी में शामिल होने के लिए कैप्टन की काफी मान मनौव्वल करनी पड़ी थी।

फिलहाल सिद्धू ने पद संभालते ही अपने नैसर्गिक अंदाज में हुंकार भरी और राज्य में कांग्रेस की एकजुटता का दावा करते हुए कहा कि उनका मिशन पंजाब को जिताना है।

किसानों को ताकत देना मेरी प्रधानी का सबसे बड़ा मिशन

किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए सिद्धू ने कहा, ‘आज देश का किसान दिल्ली की सड़कों पर धरना दे रहा है, सबसे बड़ा मसला यही है। कार्यकर्ता के विश्वास में भगवान की आवाज है, हम कार्यकर्ताओं की आवाज को सुनेंगे। क्यों चोरों की चोरी पकड़ी ना जाए और क्यों महंगी बिजली खरीदी जाए।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मेरी प्रधानी का सबसे बड़ा मिशन किसानों को ताकत देना ही है। किसान मोर्चा वालों, मैं मिलना चाहता हूं। मेरी चमड़ी मोटी है, मेरा मिशन एक ही है।’

कैप्टन अमरिंदर बोले – सिद्धू और मैं साथ करेंगे काम

इस दौरान तमाम कार्यकर्ताओं के बीच सिद्धू के साथ मंच साझा करने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘जब सोनिया गांधी ने मुझे बताया कि वह नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती हैं, तब मैंने कहा कि वह उनके फैसले का स्वागत करेंगे। मैं और नवजोत सिंह सिद्धू साथ में काम करेंगे।’

मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों व नेताओं को चाय पार्टी दी

सिद्धू की ताजपोशी से पहले कैप्टन अमरिंदर ने सभी विधायकों और पंजाब कांग्रेस के अधिकारियों को पंजाब भवन में चाय पार्टी पर बुलाया। इस पार्टी में नवजोत सिंह सिद्धू समेत अन्य नेता मौजूद रहे। इस प्रकार लंबे वक्त के बाद सिद्धू और कैप्टन एक मंच पर दिखे।

गौरतलब है कि सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिंदर पर निशाना साधते रहे हैं, ऐसे में केंद्रीय आलाकमान की मर्जी के बावजूद उन्हें काफी दिनों तक पंजाब कांग्रेस की कुर्सी पर बैठने के लिए इंतजार करना पड़ा। कैप्टन अमरिंदर ने मांग की थी कि सिद्धू को उनसे माफी मांगनी चाहिए। फिलहाल पार्टी महासचिव और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के बाद सिद्धू और कैप्टन का विवाद सतही तौर पर खत्म हुआ लग रहा है।

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