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उत्तर प्रदेश : मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी सपा में शामिल, अम्बिका चौधरी की भी घर वापसी

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लखनऊ, 28 अगस्त। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले न सिर्फ विभिन्न राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं वरन पार्टी छोड़ने या पकड़ने का दौर भी जारी है। इसी क्रम में शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने अपने बेटे मुन्नू अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री अम्बिका चौधरी ने भी अपने बेटे व बलिया के जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद चौधरी के साथ घर वापसी की।

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने दिलाई पार्टी की सदस्यता

समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी की मौजूदगी में सिबगतुल्ला अंसारी और अम्बिका चौधरी को उनके बेटों के साथ पार्टी की सदस्यता दिलाई।

ज्ञातव्य है कि मुलायम सिंह यादव और फिर अखिलेश यादव की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे अम्बिका चौधरी लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। लेकिन चुनाव के पूर्व बदलते राजनीतिक रंग-ढंग में उन्होंने फिर घर वापसी का फैसला कर लिया।

पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी की बात करें तो उनके छोटे भाई मऊ के बसपा विधायक मुख्तार अंसारी है, जो इस समय बांदा जेल में बंद हैं वहीं उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बसपा सांसद हैं। सिबगतुल्लाह के साथ साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पहुंचे थे। मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके सिबगतुल्लाह 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से हारे थे। समझा जाता है कि सपा उन्हें या उनके बेटे को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट देगी।

अंसारी परिवार पहले भी रहा है सपा का हिस्सा

अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। इस परिवार ने कौमी एकता दल नाम से राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी, जिसका 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले सपा में विलय कर दिया था।

हालांकि अखिलेश यादव के विरोध पर पूरे परिवार को पार्टी छोड़नी पड़ी थी, जिसके बाद बसपा ने अंसारी परिवार को गले लगाया था। इसके साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। मुख्तार के अलावा जीत किसी को भी नसीब नहीं हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बसपा ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।

अम्बिका चौधरी की पांच वर्षों बाद सपा में वापसी

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अम्बिका चौधरी ने भी लगभग पांच वर्षों बाद पार्टी में वापसी की। इसकी तैयारी महीनों पहले हो गई थी, जब उनके बेटे को समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था। अम्बिका चौधरी बलिया की फेफना विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे चुके हैं। वह 1993 से लगातार विधायक रहे। 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। हाल के जिला पंचायत चुनाव में बेटे आनंद चौधरी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और जिला पंचायत अध्यक्ष बने।

भावुक चौधरी बोले – आज का दिन मेरे लिए पुनर्जन्म

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पिता और पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले अम्बिका चौधरी को सपा में शामिल करते हुए कहा कि नेताजी के जितने भी पुराने साथी हैं, उन्हें समाजवादी पार्टी से फिर जोड़ा जाएगा। इस मौके पर अम्बिका चौधरी इतने भावुक हुए कि रो पड़े। उन्होंने कहा आज का दिन उनके लिए पुनर्जन्म की तरह है।

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