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‘हिंदुत्व वॉच’ को बंद करना ‘एक्स’ को पड़ा भारी, हाईकोर्ट में हुई पेशी तो सरकार पर उठाया सवाल, दी यह दलील

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नई दिल्ली, 30 सितंबर। सोशल मीडिया दिग्गज एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि हिंदुत्व वॉच (@HindutvaWatchIn) के खाते को ब्लॉक करने का केंद्र का फैसला अनुचित और असंगत था। एक्स ने यह जवाब जम्मू-कश्मीर के पत्रकार रकीब हमीद की याचिका के जवाब में दिया है। रकीब इसे चलाते थे और उन्होंने जनवरी 2024 में इस अकाउंट को ब्लॉक करने को चुनौती दी। हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को करेगा।

एक्स के अनुसार, उसने केंद्र के ब्लॉकिंग प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी, लेकिन सरकार ने आदेश जारी रखा। एक्स ने अदालत से कहा कि अगर हाई कोर्ट आदेश देता है तो वह अकाउंट को बहाल करने को तैयार है, लेकिन एक्स ने तर्क दिया कि हमीद की रिट याचिका उसके खिलाफ विचारणीय नहीं है क्योंकि यह प्लेटफॉर्म केवल एक मध्यस्थ था। वह संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत परिभाषित “राज्य” का हिस्सा नहीं था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने इस जनवरी में एक्स को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें हिंदुत्व वॉच सहित कई अकाउंट की लिस्ट दी गई थी। सरकार ने कहा था कि ये सभी अकाउंट “हिंसा भड़काने और सार्वजनिक कानून के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, इसलिए इन्हें बंद कर देना चाहिए।

अदालत में सुनवाई के दौरान एक्स ने अपनी आपत्तियों में कहा कि मंत्रालय ने बिना किसी आधार के हिंदुत्व वॉच पर पोस्ट को “भड़काऊ” के रूप में चिह्नित किया था। इनमें से कुछ पोस्ट तो छह महीने से एक साल पुराने थे। मंत्रालय ने फिर भी आगे बढ़कर एक्स को अकाउंट बंद करने का निर्देश दिया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने अपने सब्मिशन में कहा कि उसने केंद्र को वापस लिखा कि इन खातों को बंद करने का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) और आईटी अधिनियम की धारा 69 ए का उल्लंघन करता है। एक्स ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने मंत्रालय से समीक्षा समिति की सुनवाई के लिए भी अनुरोध किया था।

हिंदुत्व वॉच दावा करता है कि वह एक रिसर्च बेस्ड प्लेटफॉर्म है जो भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा अपराधों और घृणास्पद भाषणों को ट्रैक करने और उनका डॉक्युमेंटेशन करने का काम करता है।

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