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विश्व पैरा एथलेटिक्स : गोला प्रक्षेपक सचिन ने भारत को दिलाया पांचवां स्वर्ण पदक, एशियाई रिकॉर्ड भी तोड़ा

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कोबे (जापान), 22 मई। खिलौना नगरी के रूप में विख्यात कोबे में भारतीय पैरा एथलीटों ने अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखा है। इस क्रम में सचिन सर्जेराव ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2024 में बुधवार को एशियाई रिकॉर्ड के साथ पुरुषों के शॉट पुट F46 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपने खिताब का बचाव किया।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : भारत की झोली में अब गिर चुके हैं 11 पदक

भारतीय पैरा एथलेटिक्स दल ने इसके साथ ही वैश्विक प्रतियोगिता में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिया है। तीन दिनों की स्पर्धाओं के शेष रहते भारत के पास अब 11 पदक हैं, जिनमें पांच स्वर्ण, चार रजत व दो कांस्य पदक शामिल हैं। भारत ने पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पेरिस 2023 में किया था, जब पैरा एथलीटों ने 10 पदक (तीन स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य) जीते थे।

सचिन ने अपने ही एशियाई रिकॉर्ड में सुधार किया

सचिन की बात करें तो प्रतियोगिता के सातवें दिन प्रात:कालीन सत्र में उन्होंने 10.30 मीटर का थ्रो फेंककर 16.21 मीटर का अपना ही रिकॉर्ड बेहतर किया, जो उन्होंने पिछले वर्ष पेरिस विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में बनाया था। पैरा एथलेटिक्स स्पर्धाओं में F46 श्रेणी उन लोगों के लिए है, जिनकी एक या दोनों भुजाओं की गतिविधि मामूली रूप से प्रभावित है या जिनके हाथ-पैर नहीं हैं। इन एथलीटों को कूल्हों और पैरों की ताकत से थ्रो करना होता है।

सचिन को भरोसा – पेरिस पैरालम्पिक में भी स्वर्ण जीतने की कोशिश करूंगा

महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले सचिन स्कूली दिनों में एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे, जिससे उन्होंने कोहनी की मांसपेशियां गंवा दी। कई सर्जरी के बावजूद वह ठीक नहीं हो सके। खैर, सचिन ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा, ‘मैं इसकी ही उम्मीद कर रहा था और मैं बहुत खुश हूं। मैं पेरिस पैरालम्पिक के लिए भी क्वालीफाई कर चुका हूं और वहां भी स्वर्ण जीतने की कोशिश करूंगा।’

वहीं कोच सत्यनारायण को तीन दिनों की स्पर्धाओं के शेष रहते पदक संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘हमें दो और स्वर्ण की उम्मीद है। पदकों की संख्या 17 तक जानी चाहिए।’

पदक तालिका में चीन व ब्राजील के बाद भारत तीसरे स्थान पर

इससे पहले रविवार को पैरालम्पिक चैम्पियन सुमित अंतिल ने एफ64 भालाफेंक में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा था। थंगावेलु मरियप्पन और एकता भयान ने भी स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए दिन में गोल्डेन हैट्रिक पूरी की थी। चीन फिलहाल पदक तालिका में सबसे आगे है और उसके बाद ब्राजील है। भारत पदक तालिका में तीसरे स्थान पर है।