पेरिस, 6 सितम्बर। भारतीय गोला प्रक्षेपक (शॉट पटर) होकाटो सेमा ने शुक्रवार को यहां पैरालम्पिक खेलों में पुरुषों की गोला प्रक्षेप F57 श्रेणी के फाइनल में 14.65 मीटर के प्रक्षेप से अपने करिअर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए देश के लिए कांस्य पदक सुनिश्चित किया।
#SAIDailyWrap: Day 9, #ParisParalympics2024
A historic day for India🇮🇳 as #ParaAthletics sensation Praveen Kumar added a 6th gold🥇 to India's medal tally while #ParaShotPut star Hokato Sema clinched his first #Paralympic medal, securing a bronze. Let's gear up for yet another… pic.twitter.com/s4j69ovkEJ
— SAI Media (@Media_SAI) September 6, 2024
पदक स्पर्धाओं के नौवें दिन भारत का यह दूसरा पदक था। इसके पूर्व दिन में प्रवीण कुमार ने ऊंची कूद की टी64 स्पर्धा में नया एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए मौजूदा खेलों में देश को छठा स्वर्ण पदक दिलाया था। आठ सितम्बर को प्रस्तावित समापन समारोह से पहले पदक स्पर्धाओं में एक दिन के शेष रहते भारत ने अपनी झोली में कुल 27 पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत, 12 कांस्य) भर लिए हैं और तालिका में 17वें स्थान पर काबिज है।
#ParisParalympics2024 Day 9 Medal Tally 🥇🥉
Following Praveen's historic Gold and Hokato Sema's Bronze, India's medal tally peaks to 27, including 6 gold 🥇, 9 silver 🥈 and 12 bronze 🥉.
Keep chanting #Cheer4Bharat and support #TeamIndia at the #Paralympics2024. pic.twitter.com/VMuiMkStU6
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लैंडमाइन विस्फोट में जीवित बचे थे नगालैंडवासी होकाटो सेमा
लैंडमाइन विस्फोट में जीवित बचे दीमापुरवासी होकाटो सेमा ने जिन्होंने पिछले वर्ष हांगझू पैरा एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक जीता था, 13.88 मीटर के औसत थ्रो से शुरुआत की। लेकिन जल्द ही वह पर्पल पैच पर पहुंच गए।
Medal Alert!🏅#ParaAthletics: Men's Shot Put F57 Final👇🏻#Paralympic athlete Hokato Sema clinched his first #Paralympics medal🏅, securing a #Bronze🥉 with the best throw of 14.65 m. With his achievement, India's medal tally at the #ParisParalympics2024 reaches 27.
Meanwhile,… pic.twitter.com/1QW4Ehuz0s
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पेरिस पैराम्पिक में भाग लेने वाले नगालैंड के एकमात्र एथलीट 40 वर्षीय होकाटो ने अपने दूसरे थ्रो में 14 मीटर का आंकड़ा छुआ और फिर 14.40 मीटर की दूरी तक सुधार किया। हालांकि, सेमा ने चौथे थ्रो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और कांस्य पदक जीतने के लिए 14.49 मीटर के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ को पीछे छोड़ दिया।
ईरानी खोसरावी ने पैरालम्पिक रिकॉर्ड के साथ जीता स्वर्ण
ईरानी प्रक्षेपक खोसरावी यासिन ने पैरालम्पिक रिकॉर्ड (15.96 मीटर) के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि ब्राजीली पाउलिनो डॉस सैंटोस (15.06 मीटर) ने भी टोक्यो में चीनी वू गुशान द्वारा स्थापित पैरालम्पिक रिकॉर्ड (15.00 मीटर) को पीछे छोड़ते हुए रजत पदक पर अधिकार किया।
राणा सोमन सर्वश्रेष्ठ थ्रो के बीच पांचवें स्थान पर पिछड़े
इस स्पर्धा में शामिल अन्य भारतीय हांगझू पैरा एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता राणा सोमन, 14.07 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पांचवें स्थान पर रहे। F57 श्रेणी उन फील्ड एथलीटों के लिए है जिनके एक पैर में कम गति प्रभावित होती है, दोनों पैरों में मध्यम या अंगों की अनुपस्थिति होती है। इन एथलीटों को पैरों से शक्ति में महत्वपूर्ण विषमता की भरपाई करनी होती है, लेकिन उनके ऊपरी शरीर में पूरी शक्ति होती है।
सिमरन 200 मीटर T12 स्पर्धा के फाइनल में
उधर सिमरन शर्मा महिलाओं की 200 मीटर दौड़ की टी12 श्रेणी के फाइनल में जा पहुंची हैं। उन्होंने 25.03 सेकेंड के समय के साथ सेमीफाइनल हीट में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वह शनिवार को भारतीय समयानुसार रात 11.04 बजे फाइनल में भाग लेंगी।
#ParaAthletics: Women's 200 M T12 Semifinals 👇🏻
Simran Sharma ran🏃🏻♀️ with all her heart and cruises to the final. She finished Ist with a timing of 25.03 seconds.
She will compete in the Final on Sept. 7 at 11.04PM IST.
Well done champion girll👏🏻
Let's #Cheer4Bharat chants… pic.twitter.com/dYJSLl3mXF
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मौजूदा विश्व चैम्पियन सिमरन ने इसके पूर्व दिन में 25.41 सेकेंड के समय के साथ अपनी हीट में शीर्ष स्थान हासिल करके सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। टी12 श्रेणी दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था और उन्होंने अगले 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए, जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित है।
100 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रह गई थीं सिमरन
सिमरन गुरुवार को 100 मीटर टी12 फाइनल में चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूक गईं थी। चार खिलाड़ियों के फाइनल में धीमी शुरुआत के कारण सिमरन ने 12.31 सेकेंड का समय निकाला था। सिमरन के कोच उनके पति गजेंद्र सिंह हैं जो सेना सेवा कोर में कार्यरत हैं। वह नयी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रशिक्षण लेती हैं।
पावरलिफ्टर कस्तूरी 67 किग्रा भार वर्ग में 8वें स्थान पर रहीं
उधर महिलाओं की 67 किग्रा पावरलिफ्टिंग स्पर्धा में कस्तूरी राजमणि नौ प्रतियोगियों के बीच अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की, लेकिन उन्हें आठवें स्थान पर रहना पड़ा। तमिलनाडु की 40 वर्षीया कस्तूरी ने पहले प्रयास में असफल होने के बाद अपने दूसरे प्रयास में 106 किग्रा वजन उठाया और फिर तीसरे और अंतिम प्रयास में 110 किग्रा वजन उठाने में असफल रहीं।
#ParisParalympics2024🇫🇷 September 7⃣ Medal🎖️ Events
Our #ParaAthletes Simran and Navdeep aim to add on to #TeamIndia's🇮🇳 medal tally while our only #ParaSwimmer🏊♀️ Suyash Jadhav aims for the podium at #Paralympics2024.
On the penultimate day of the #Paralympics, continue to… pic.twitter.com/xKgJhontxM
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2023 में हांगझू पैरा खेलों में पांचवें स्थान पर रहीं कस्तूरी ने एक पैरा निशानेबाज मित्र के जोर देने पर पावरलिफ्टिंग शुरू की थी और पिछले वर्ष खेलो इंडिया पैरा खेलों में 67 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।
चीन की दो बार के पैरालम्पिक चैंपियन और पिछले वर्ष हांगझू पैरा एशियाई खेलों में शीर्ष पोडियम स्थान के अलावा चार विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण पदक विजेता 33 वर्षीय युजियाओ टैन ने शानदार अंदाज में खिताबी हैट्ट्रिक बनाई। उन्होंने 142 किग्रा वजन उठाकर विश्व और पैरालम्पिक रिकॉर्ड तोड़ दिया। मिस्र की फातमा एलियन ने 139 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक जीता जबकि ब्राजील की फातिमा डी मारिया ने 133 किग्रा वजन से कांस्य पदक जीता।