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पेरिस पैरालम्पिक : शूटर मनीष नरवाल स्वर्ण पदक से चूके, प्रीति पाल ने ट्रैक पर देश को पहला पदक दिलाया

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पेरिस/शेटराउ, 30 अगस्त। पेरिस पैरालम्पिक खेलों में पदक स्पर्धाओं का दूसरा दिन भारतीय दल के लिए शानदार गुजरा, और ‘वंडर गर्ल’ अवनि लेखरा की अगुआई में देश की झोली में एक स्वर्ण, एक रजत व दो कांस्य पदक सहित कुल चार पदक आ गिरे।

दूसरे दिन भारत को 1 स्वर्ण व 1 रजत सहित 4 पदक

अवनि ने शुक्रवार को दिन में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में नए पैरालम्पिक रिकॉर्ड के साथ लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता तो प्रथम प्रवेशी मोना अग्रवाल ने इसी स्पर्धा का कांस्य पदक पर अधिकार किया। इसके बाद मनीष नरवाल पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना प़ड़ा। वहीं प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीतकर भारत को पैरालम्पिक की ट्रैक स्पर्धा में पहला एथलेटिक्स पदक दिलाया।

मनीष ने टोक्यो में मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 में जीता था स्वर्ण

टोक्यो पैरालम्पिक की मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले 22 वर्षीय मनीष नरवाल 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) में कुछ समय तक आगे चल रहे थे, लेकिन कुछ खराब शॉट के कारण वह दक्षिण कोरिया के जो जियोंगडू से दूसरे स्थान पर पिछड़ गए। भारतीय निशानेबाज शिवा नरवाल के बड़े भाई मनीष ने 234.9 स्कोर किया जबकि जियोंगडू ने 237.4 स्कोर से स्वर्ण पदक जीता।

‘खेल रत्न’ पुरस्कार प्राप्त फरीदाबाद निवासी नरवाल क्वालीफिकेशन दौर में 565 स्कोर के सहारे पांचवें स्थान पर रहे थे। भारत के ही रूद्रांक्ष खंडेलवाल फाइनल में जगह नहीं बना सके और 561 स्कोर करके नौवे स्थान पर रहे। एसएच 1 वर्ग में खिलाड़ी बिना किसी दिक्कत के पिस्टल उठा सकते हैं और व्हीलचेयर या चेयर पर से खड़े होकर या बैठकर निशाना लगाते हैं।

 

 

किसान की बेटी प्रीति ने निकाला व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय

दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर के किसान की बेटी प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीतकर भारत को पैरालम्पिक की ट्रैक स्पर्धा में पहला पदक दिलाया। प्रीति मई में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के बाद पेरिस आई थी। चीन की झोऊ जिया (13.58) ने स्वर्ण और गुओ कियानकियान (13.74) ने रजत पदक जीता। उल्लेखनीय है कि भारत ने 1984 चरण से एथलेटिक्स में जो भी पदक जीते हैं, वे सभी फील्ड स्पर्धा में मिले।

टोक्यो के रजत विजेता शटलर सुहास व नितेश सेमीफाइनल में

टोक्यो पैरालम्पिक के रजत पदक विजेता सुहास यथिराज और नितेश कुमार ने शु्क्रवार को यहां बैडमिंटन स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए क्रमश: पुरुष एकल एसएल4 और एसएल3 वर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

2007 बैच के आईएएस अधिकारी सुहास ने एसएल4 वर्ग में कोरिया के शिन क्यूंग हवान को दूसरे मैच में 26-24, 21-14 से शिकस्त देकर तीन खिलाड़ियों के ग्रुप ए में शीर्ष पर रहे। वहीं नितेश ने चीन के यांग जियानयुआन को 21-5, 21-11 से हराया, जिससे वह एसएल3 वर्ग के चार खिलाड़ियों के ग्रुप ए में शीर्ष दो में शामिल रहे। अब वह अपने अंतिम ग्रुप ए मैच में थाईलैंड की बुनसुन मोंगखोन से भिड़ेंगे। एसलएल4 में ग्रुप के शीर्ष खिलाड़ी जबकि एसएल3 में प्रत्येक दो ग्रुप के शीर्ष दो खिलाड़ी सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगे।

हालांकि मानसी जोशी और मनोज सरकार के लिए दिन निराशाजनक रहा, जिन्हें लगातार दूसरे मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। इसके चलते उनकी अपने ग्रुप में सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीद टूट गई।

तीरंदाज राकेश कुमार कंपाउंड ओपन वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में

उधर अनुभवी तीरंदाज राकेश कुमार ने कंपाउंड पुरुष ओपन वर्ग में सेनेगल के अलीयू ड्रेम को 136-131 से हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। पांचवीं वरीयता प्राप्त राकेश का सामना अब इंडोनेशिया के केन स्वागुमिलांग से होगा।

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