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टोक्यो पैरालंपिक :  शूटर अवनि ने रचा इतिहास, स्वर्ण के बाद कांस्य पदक भी जीता

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टोक्यो, 3 सितम्बर। भारतीय पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा ने यहां टोक्यो पैरालंपिक खेलों में शुक्रवार को 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन SH1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के साथ ही इतिहास रच दिया। अब वह पैरालंपिक खेलों के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली देश की पहली महिला एथलीट बन गईं है। इसके पूर्व गत 30 अगस्त को जयपुर की यह 19 वर्षीया शूटर 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1  में विश्व रिकॉर्ड की बराबरी के साथ पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी थी।

अवनि शुक्रवार की स्पर्धा के फाइनल में 445.9 का स्कोर कर तीसरे स्थान पर रहीं। चीन की झांग क्यूपिंग (457.9) और जर्मनी की हिलट्रॉप नताशा (457.1) क्रमशः स्वर्ण और रजत जीतने में कामयाब रहीं। क्वालिफिकेशन में अवनि 1176 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही थीं।

जोगिंदर सिंह सोढ़ी एक पैरालंपिक में जीत चुके हैं 3 पदक

पैरालंपिक खेलों के एक संस्करण में अवनि जहां दो पदक जीतने वाली देश की पहली महिला एथलीट बनीं वहीं पुरुष वर्ग में यह गौरव जोगिंदर सिंह सोढ़ी पहले ही अर्जित कर चुके हैं। उन्होंने 1984 के लॉस एंजलिस पैरालंपिक में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे। उन्होंने रजत पदक गोला फेंक में जीता था जबकि दो कांस्य पदक उन्हें चक्का फेंक और भाला फेंक में मिले थे।

भारत के पदकों की संख्या 12 तक पहुंची

गौर करने वाली बात यह है कि प्रवीण कुमार (ऊंची कूद – रजत पदक) और अवनि लेखरा की सफलताओं के सहारे मौजूदा खेलों में भारत के पदकों की कुल संख्या 12 हो चुकी है, जिनमें दो स्वर्ण, छह रजत व चार कांस्य पदक शामिल हैं। यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रियो 2016 में भारत ने दो स्वर्ण सहित चार पदक जीते थे।

रोमांचक तत्य यह भी है कि भारतीय एथलीटों ने 1968 के मेक्सिको पैरालंपिक से लेकर रियो 2016 तक कुल 12 पदक जीते थे और अब अकेले टोक्यो पैरालंपिक में ही उतने पदक मिल चुके हैं। अब दिलचस्पी यह देखने में रहेगी कि यह आंकड़ा अभी और कितना बढ़ता है।

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